अन्तराष्ट्रीय

‘भारत ये कभी भूलेगा नहीं, आखिरकार अपना असली चेहरा दिखा…’ Expert की चेतावनी- अमेरिका और ट्रंप…

रूस से तेल और गैस के आयात को लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 परसेंट का अतिरिक्त टैरिफ लागू किया है, जिसके बाद से भारत और अमेरिका के संबंधों में गिरावट और तनाव देखने को मिल रहा है. इस बीच भारतीय मूल के अमेरिकी एक्सपर्ट फरीद जकारिया ने भारत-अमेरिका के संबंधों में जारी गिरावट के लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है. जकारिया ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती सरकारों की ओर से दशकों से की गई सावधानीपूर्वक प्रयासों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, जिनसे नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच रिश्ते मजबूत हो रहे थे.

पाकिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करना ट्रंप की भूल- जकारिया

सीएनएन पर अपने प्रोग्राम के दौरान जकारिया ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत पर अब तक का सबसे बड़ा टैरिफ लगाना और साथ ही पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करना, ट्रंप 2.0 की विदेश नीति की सबसे बड़ी भूल है और उनके इस कदम से नुकसान पहले ही हो चुका है.

जकारिया ने कहा, ‘भले ही ट्रंप अब अपना रुख बदल लें, लेकिन नुकसान तो पहले ही हो चुका है क्योंकि भारत ये कभी नहीं भूलेगा कि अमेरिका ने आखिरकार अपना असली चेहरा दिखा दिया है. यह बिल्कुल अविश्वसनीय है कि अमेरिका अपने दोस्तों के साथ भी कठोर व्यवहार करने से नहीं चूकता है. ऐसे में अब भारत यह महसूस करेगा कि उसे अपने हित सुरक्षित रखने होंगे, उसे रूस के करीब भी रहना होगा और चीन से भी अपने रिश्ते सुधारने होंगे.’

ट्रंप 2.0 की नई नीति का शिकार हुआ है भारत: एक्सपर्ट

भारत ट्रंप 2.0 की नई रणनीति का शिकार हुआ है, जिसमें अपने सहयोगियों का अपमान करना और विरोधियों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाना शामिल है. ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में रिश्तों की मजबूती के बावजूद, भारत को ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में उनकी आक्रामक बयानबाजी और दबाव की राजनीति को झेलना पड़ रहा है.

भारत के कारोबार से रूस को फायदा, ऐसा व्हाइट हाउस का मानना: फरीद जकारिया

रूस से तेल और गैस खरीदने को लेकर ट्रंप ने भारत पर पहले 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लागू किया. इसके कुछ ही दिनों के बाद ट्रंप ने भारत पर और 25 परसेंट का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे अब भारत पर अमेरिका का कुल अतिरिक्त टैरिफ 50 परसेंट हो गया है. अमेरिका के व्हाइट हाउस का मानना है कि भारत-रूस के बीच जारी व्यापार मॉस्को के लिए यूक्रेन युद्ध को जारी रखने वाले राजस्व का स्रोत है.

यह भी पढ़ेंः अमेरिका से टेंशन के बीच चीन ने आगे बढ़ाया दोस्ती का हाथ, भारत को देगा रेयर अर्थ मटेरियल और सुरंग खोदने की मशीन

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