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मोदी सरकार के GST रिफॉर्म्स से कार से लेकर सीमेंट तक कई चीजें होंगी सस्ती, उपभोग को मिलेगा…

GST Reform: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जीएसटी सुधारों का बड़ा ऐलान किया. बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से जनता पर टैक्स का बोझ तो कम होगा ही, साथ में उपभोग को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार के इस ‘सरप्राइज गिफ्ट’ से निवेशकों में खुशी की लहर है. आलम यह है कि ऑटो, सीमेंट, कन्ज्यूमर और फाइनेंशियल स्टॉक में तेजी आई है क्योंकि कीमत घटेगी, तो इसका सीधा असर उपभोग पर पड़ेगा.

देश के लिए यह कदम पॉजिटिव

मौजूदा समय में में जीएसटी में 5 परसेंट, 12 परसेंट, 18 परसेंट और 28 परसेंट की चार दरें लागू हैं. सरकार 2 परसेंट और 28 परसेंट के स्लैब को खत्म कर  टू-टियर जीएसटी स्ट्रक्चर लागू करने पर विचार कर रही है. इसके अलावा, तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट और जुआ जैसे सिन गुड्स पर 40 परसेंट तक ऊंची जीएसटी लगाने की भी सोच रही है. आउटलुक बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, Emkay Global का इस पर कहना है, ”यह भारत के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम है क्योंकि इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा, कम दरों के साथ व्यापार करना आसान होगा इससे अर्थव्यवस्था का अधिक औपचारिकीकरण होगा क्योंकि टैक्स की चोरी कम होगी, जिसका फायदा मिलेगा.” 

इन सेक्टर्स को मिलेगा फायदा

ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि अगर पैसेंजर व्हीकल और दोपहिया वाहनों पर 28 परसेंट जीएसटी स्लैब को घटाकर 18 परसेंट कर दिया जाए, तो ऑटोमोबाइल सेक्टर को खूब फायदा होगा. जेफरीज का भी कहना है कि इस कटौती का फायदा जाज, हीरो, टीवीएस और आयशर सभी कंपनियों को होगा. मोतीलाल ओसवाल ने लाभार्थियों की सूची में टाटा मोटर्स और अशोक लीलैंड को भी शामिल किया है क्योंकि पैसेंजर व्हीकल के सेगमेंट में इन कंपनियों के गाड़ियों की बड़े पैमाने पर उपस्थिति है. 

GST दरों में कटौती से एयर-कंडीशनर और व्हाइट गुड्स की मांग भी तेज होने की उम्मीद है. CLSA ने वोल्टास और हैवेल्स को अधिक फायदा पहुंचने की बात कही है. ब्रोकरेज ने कहा, हमें उम्मीद है कि यह बदलाव एयर कंडीशनर की मांग को, खासकर हाल के कमजोरी के संकेतों के बाद, मजबूती से प्रभावित करेगा. सीमेंट पर फिलहाल 28 परसेंट की दर से जीएसटी लगता है. मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि अगर दरें घटाकर 18 परसेंट कर दी जाती हैं, तो कीमतें 7.5-8 परसेंट तक गिर सकती हैं.

रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए सस्ता सीमेंट उनके मार्जिन को 40-50 बेसिस पॉइंट तक बढ़ा सकता है, क्योंकि कई बड़े शहरों में घरों की कीमतों में इसका हिस्सा 4-5 परसेंट होता है. हालांकि, जेफरीज के मुताबिक, इससे सरकार को रेवेन्यू में 20,000-25,000 करोड़ घाटे का सामना करना पड़ सकता है. 

इन प्रोडक्ट्स के भी दाम कम होने की उम्मीद

डेयरी, बोतलबंद पानी, जूस और पैकेज्ड स्नैक्स जैसे फूड और बेवरेजेस आइटम्स 12 परसेंट के स्लैब से 5 परसेंट के स्लैब में आएंगे, तो बीकाजी, गोपाल स्नैक्स, नेस्ले इंडिया और डाबर जैसी कंपनियों का मार्जिन कम होगा. जेफरीज ने कहा कि डाबर और इमामी जैसी आयुर्वेदिक कंपनियों को और फायदा हो सकता है, क्योंकि ज्यादा आयुर्वेदिक उत्पाद 12 परसेंट के स्लैब में आते हैं, जो संभवतः 5 परसेंट तक कम हो सकती है. 

हेल्थ पर भी जीएसटी कम होने की चल रही बात 

स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी जीएसटी कम करने पर भी विचार किया जा रहा है. Emkay ने कहा, ”टर्म प्लान पर जीएसटी को 18 परसेंट से घटाकर 5 परसेंट करने से मैक्स फाइनेंशियल को मदद मिलेगी, जबकि स्टार हेल्थ और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जैसी बीमा कंपनियों को वाहनों की बिक्री में संभावित बढ़ोतरी से अप्रत्यक्ष रूप से लाभ हो सकता है.” 

 

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