राज्य

See the 11 kilometer long tunnel in udaipur, pitch dark | 11 किलोमीटर लंबी जल सुरंग में अंधेरा:…

उदयपुर शहर के कोड़ियात इलाके की जल सुरंग।

उदयपुर सिटी की कोड़ियात इलाके में बनी जल सुरंग की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। यहां युवाओं की टोलियां कार और बाइक लेकर इस सुरंग में जा रही हैं। जल सुरंग में युवा रील बनाते दिख रहे हैं।

.

इस टनल में आकोदड़ा डेम से पिछोला झील में पानी आता है। टनल से पानी छोड़ने के बाद कोड़ियात में जिस जगह से बुझड़ा नदी में मिलता है, उसी के पास से एक रास्ता इस टनल में जाता है। बाहर एक लोहे का गेट है जो कि अभी खुला हुआ है। इसी रास्ते लोग इस सुरंग में बाइक और कार लेकर टनल में जा रहे हैं।

वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के अवसर पर 11.1 किलोमीटर लंबी टनल को अंदर से देखने के लिए भास्कर की टीम वहां पहुंची। टीम के सदस्यों ने जाना कि जल सुरंग में क्या खास है और क्या खतरा है।

भास्कर की टीम उसी रास्ते से वहां पहुंची। शुरुआत में जल सुरंग खुली नहर की तरह लगी। करीब 200 मीटर के बाद सुरंग का मुख्य पॉइंट है। यहीं से पहाड़ों के नीचे बनी सुरंग शुरू होती है। शुरुआत में यहां थोड़ी रोशनी थी। जैसे-जैसे आगे बढ़े थे तो अंधेरे शुरू हो गया। सुरंग में बाइक की लाइट और टॉर्च से रोशनी कर आगे बढ़ रहे थे।

सुरंग में लोगों की हुडदंग जैसी आवाज आ रही थी। हम करीब 1 किमी से ज्यादा दूर तक पहुंच चुके थे। कुछ लोग कुएं वाले पॉइंट से लौटकर आ रहे थे। कुछ आगे बढ़े तो रोशनी दिखनी शुरू हो गई। यहां देखने पर पता चला कि ये वही कुएं जैसे आकार वाला पॉइंट है।

टनल में से आसमान दिखाई देता है। यह बहुत ही शानदार और रोमांचित करने वाली है, लेकिन यह खतरनाक भी है। यहां तीन बाइकों से पहुंचे लोग और 6-7 युवा मौजूद थे। उन्हें किसी तरह की कोई चिंता नहीं सता रही थी। टनल के नजारों को अपने मोबाइल कैमरों से कैद कर रहे थे।

टनल में शराब की कई टूटी बोतल मिली

इस टनल के बीच में जहां कुएं जैसी आकार वाली जगह है, वहां शराब की कई बोतल टूटी पड़ी थी। बताया गया कि यहां सामजिक तत्व अंदर जाकर शराब की पार्टी भी कर रहे हैं। ऐसे में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।

सुरंग में जाना खतरनाक

11.1 किलोमीटर लंबी इस सुरंग से आकोदड़ा डेम का पानी पिछोला झील लाया जाता है। लेकिन अभी इस वाटर टनल में 7 से 8 इंच पानी बह रहा है। सुरंग में करीब 4 बड़े कुएं जैसे होल हैं, जिन्हें शाफ्ट कहा जाता है। जिससे कि टनल के अंदर हवा आती रहे और सफोकेशन नहीं हो। फिलहाल कोड़ियात के यहां गेट खुला होने से लोग बाइक, कार और पैदल अंदर जा रहे थे।

यदि अचानक आकोदड़ा डेम से पानी छोड़ दिए जाए तो बच पाना मुश्किल है।

लोगों का मानना है कि प्रशासन को इसकी ओर ध्यान देकर उस गेट को बंद करवाना चाहिए और सुबह से शाम तक टनल के दोनों तरफ सुरक्षा गार्ड तैनात करने चाहिए।

इसी टनल में नारायण 7 दिन तक फंसा था

2011 में जब इस टनल को बनाया जा रहा था, तब डोडावली के पास इसी टनल में एक तरफ मलबा गिरने से नारायण नाम का एक व्यक्ति करीब 7 दिन तक टनल में फंसा रहा। रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button