अन्तराष्ट्रीय

अमेरिका ने फिर भारत को ठहराया गलत, यूक्रेन युद्ध मामले में ट्रंप के एडवाइजर के बिगड़े बोल, कहा…

अमेरिका और भारत के बीच दूरी बढ़ चुकी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उससे खुश नहीं हैं. इस बीच व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने एक बार फिर भारत को गलत ठहराया है. नवारो ने कहा कि भारत की वजह से यूक्रेन युद्ध को फंडिंग मिल रही है. उन्होंने रूस से तेल खरीदने के मामले में भारत को सीधे तौर पर गलत ठहराया.

व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर नवारो ने सोमवार (18 अगस्त) को ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ के लिए लिखे एक लेख में भारत पर प्रतिबंधित कच्चे तेल को उच्च मूल्य वाले निर्यात में बदलकर रूसी तेल के लिए एक वैश्विक क्लियरिंग हाउस के रूप में काम करने का आरोप लगाया.

नवारो ने कहा, रूसी कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता अवसरवादी है और पुतिन की युद्ध अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करने के दुनिया के प्रयासों के लिए बेहद नुकसादनदायक है.उन्होंने कहा, वास्तव में भारत रूसी तेल के लिए एक वैश्विक ‘क्लियरिंग हाउस’ के रूप में काम करता है. प्रतिबंधित कच्चे तेल को ज्यादा टैरिफ वाले निर्यात में बदलकर रूस को उसकी जरूरत के हिसाब से डॉलर देता है.

भारत पर युद्ध में रूस का साथ देने का लगाया आरोप

नवारो ने कहा, भारत के वित्तीय समर्थन से रूस, यूक्रेन पर लगातार हमला कर रहा है, इसलिए अमेरिकी (और यूरोपीय) करदाताओं को यूक्रेन की रक्षा में मदद के लिए अरबों डॉलर और खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इन सब कारणों से भारत ज्यादा टैरिफ और ट्रेड बैरियर्स के जरिए अमेरिकी निर्यात के दरवाजे बंद करता जा रहा है.

अमेरिका का झूठा दावा – भारत लेता है ज्यादा टैरिफ

उन्होंने कहा है कि भारत औसत रूप से दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाता है. साथ ही नॉन-टैरिफ बैरियर्स भी खड़ा करता है. इससे अमेरिकी कामगारों और कंपनियों को नुकसान होता है.’’ नवारो ने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा सालाना लगभग 50 अरब डॉलर के आसपास पहुंच गया है. और सबसे बड़ी बात यह है कि भारत उन अमेरिकी व्यापार से प्राप्त डॉलर का उपयोग रूसी तेल खरीदने में कर रहा है.’’

इनपुट – पीटीआई

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