Disclosure of fraud by insurance companies | ठगी का खुलासा: 4 साल में 12 ट्रक, ट्रेलर व एसयूवी…

बाड़मेर पुलिस ने वाहन चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करवाकर इंश्योरेंस कंपनियों से 20 करोड़ रुपए का फर्जी क्लेम उठाने के मामले का खुलासा करते हुए आरोपी सताराम निवासी को गिरफ्तार किया है। गुड़ामालानी पुलिस ने मुख्य सरगना सताराम पुत्र देरामाराम जाट निवासी रा
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शातिर आरोपी सताराम अपने साथियों के साथ मिलकर अलग-अलग थानों में वाहन चोरी के प्रकरण दर्ज करवाता था और उसके बाद इंश्योरेंस कंपनियों से फर्जी तरीके से क्लेम उठा लेता। जिस गाड़ी की झूठी चोरी की एफआईआर करवाई गई, उसके इंजन व चेसिस नंबर बदलकर अरुणाचल प्रदेश से नया रजिस्ट्रेशन करवाकर बेच देता था। आरोपी ने 12 वाहनों का करीब 20 करोड़ रुपए का क्लेम उठाने की बात स्वीकार की है। राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में वाहन चोरी की एफआईआर दर्ज करवाने के मामले सामने आए है।
जयपुर से विदेश भागने से पहले ही पकड़ा, ईडी और आयकर विभाग को पुलिस ने जांच के लिए पत्र लिखा
9 माह में पचपदरा थाने में 3 वाहन चोरी के मामले दर्ज
एसपी नरेंद्रसिंह मीना ने बताया कि आरोपी सताराम ने पुलिस थाना पचपदरा में 9 माह में 3 वाहनों की चोरी के मामले दर्ज करवाए। वाहन चोरी के मामले भी छोटे वाहनों के नहीं करवाकर भारी भरकम वाहनों के करवाते थे ताकि लाखों रुपए का क्लेम उठा सके। पचपदरा में 30 जुलाई 2023, 11 दिसंबर 2023 और 14 फरवरी 2024 को वाहन चोरी के झूठे मामले दर्ज करवाए। गुड़ामालानी थाने में सताराम के ड्राइवर मांगीलाल पुत्र भागीरथराम निवासी जुगताणियों की ढाणी आलपुरा के मार्फत वाहन चोरी का मामला दर्ज करवाया गया। आरोपी वाहनों के चोरी होने के झूठे मामले दर्ज करवाने के बाद वाहन का अरुणाचल प्रदेश में नया रजिस्ट्रेशन करवाकर वाहनों को पुन: कंपनियों में लगा देता था।
पुलिस ने वाहन चोरी के ऐसे झूठे मामले दर्ज 3 वाहनों को जब्त किया है। ये तीनों वाहन वर्ष 2023 में गुड़ामालानी, 2023 में पचपदरा व 2022 में जैतारण पाली में चोरी होने के मामले दर्ज है। वाहन जला कर उठाए गए क्लेम के संबंध में पूछताछ की जा रही है। गुड़ामालानी डीएसपी सुखाराम विश्नोई के नेतृत्व में गुड़ामालानी थानाधिकारी देवीचंद ढाका आरोपी से गहन पूछताछ कर गैंग में शामिल अन्य लोगों को नामजद किया है।
ज्यादा क्लेम मिले, इसलिए भारी वाहनों की चोरी की एफआईआर करवाई
मुख्य सरगना सताराम ने कबूल किया है कि वो अधिक क्लेम के लिए भारी वाहनों के चोरी होने की एफआईआर करवाते थे। आरोपी ने ज्यादातर ट्रक, ट्रेलर के चोरी होने की एफआईआर करवाई है। चोरी की एफआईआर दर्ज करवाने के बाद उन वाहनों की अन्य राज्यों में नया रजिस्ट्रेशन करवाते थे। इसके बाद तेल कंपनियों में किराए पर लगा देते। अरुणाचल प्रदेश में नया रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद पुन: राजस्थान एवं गुजरात में रजिस्ट्रेशन करवा देते थे। जांच में सामने आया कि शिव, सिणधरी, जसोल, पचपदरा व सेंदड़ा में दर्ज मामलों में वाहन ही अस्तित्व में नहीं थे, जबकि वाहनों के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अरुणाचल प्रदेश में रजिस्ट्रेशन करवा दिए। वाहनों पर दूसरी गाड़ी की नंबर प्लेट लगवा कर बीमा करवा कर वाहन चोरी की एफआईआर करवा कर क्लेम उठाए गए। इसमें परिवहन विभाग और इंश्योरेंस कंपनियों के कार्मिकों की भूमिका पर भी सवाल उठे है।
चोरी की एफआईआर के बाद छोटी गाड़ियां तस्करों को बेच देते थे। इनमें टोयोटा कंपनी की हाई लक्स गाड़ी फाइनेंस पर खरीद कर 15 लाख रुपए की छूट का फायदा उठा कर 45 लाख रुपए का क्लेम उठा कर गाड़ी डोडा पोस्त तस्करों को बेच दी। इस वाहन चोरी के मामले आसोप जिला जोधपुर ग्रामीण, दिल्ली व गुजरात में दर्ज करवाए। दिल्ली में ई-एफआईआर दर्ज करवाई। आरोपी ने कई जगह खुद के नाम से चोरी की एफआईआर करवाई। कई अन्य जगह ड्राइवर, धर्म भाई या अन्य रिश्तेदार के नाम से एफआईआर दर्ज करवाई।
विदेश भागने की तैयारी में था
शातिर सताराम को पुलिस को भनक लगने की सूचना मिल गई थी। इसके बाद बेटी को उत्तरप्रदेश से लेकर आ रहा था और जयपुर पहुंचा। पुलिस ने आरोपी सताराम को जयपुर से दबोच लिया। आरोपी ने विदेश भागने के लिए वीजा बनाने की तैयारी कर रखी थी। सताराम की क्राइम हिस्ट्री और संपत्ति को लेकर पुलिस ने ईडी व इनकम टैक्स को भी पत्र लिखा है, क्योंकि करोड़ों की संपति आपराधिक कृत्य से अर्जित की गई है। गुड़ामालानी, शिव, सिणधरी, बालोतरा, पचपदरा, जसोल, बायतु, आसोप (जोधपुर), जैतारण व सैंदड़ा (ब्यावर) में 12 मामले वाहन चोरी के दर्ज है। इसमें 5 वाहन तो अस्तित्व में ही नहीं है। वहीं 3 वाहनों को जब्त किया है। एक वाहन कबाड़ी को बेच दिया।