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Khabar Hatke- Scientists killing mosquitoes by singing | खबर हटके- गाना सुनाकर मच्छर मार रहे…

18 मिनट पहलेलेखक: प्रांशू सिंह

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इन दिनों वैज्ञानिक मच्छरों को मारने के लिए एक अमेरिकी सिंगर के गाने का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं अंधे लोगों को रोशनी वापस लाने के लिए अब दांत का प्रयोग किया जा रहा है।

  1. गाना सुनाकर मच्छर कैसे मार रहे वैज्ञानिक?
  2. अंधे लोगों को दांत से कैसे मिलेगी रोशनी?
  3. लेजर लाइट से पुलिस क्राइम कैसे रोक रही है?
  4. लाइब्रेरी से ली किताब 82 साल बाद क्यों लौटाई?
  5. अमेरिकी में 1000 फीट ऊंची सुनामी क्यों आ सकती है?

नीदरलैंड्स की एक जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक मच्छरों को मारने और भगाने के लिए 15 साल पुराना गाना बजा रहे हैं। ये गाना अमेरिकी सिंगर स्क्रिलेक्स का हैं, जिसे सुनकर मच्छर परेशान हो जाते हैं। वे फिर खून पीना और प्रजनन करना बंद कर देते हैं। इससे डेंगू और जीका जैसी बीमारियों का खतरा भी कम हो सकता है।

एडीज एजिप्टी मच्छर पर हुआ प्रयोग

ये रिपोर्ट ‘एक्टा ट्रॉपिका’ जर्नल में छपी है। इसमें एडीज एजिप्टी नाम के मच्छरों पर प्रयोग हुआ। वैज्ञानिकों ने एक पिंजरे में भूखे मच्छरों के साथ एक हैम्स्टर रखा। एक जगह शांत माहौल था। दूसरी जगह स्क्रिलेक्स का गाना बज रहा था।

शांत कमरे में मच्छर 30 सेकंड में हैम्स्टर पर हमला करने लगे। लेकिन, जिस कमरे में गाना बज रहा था, वहां मच्छरों ने बहुत देर से हमला किया। खून पीने की उनकी इच्छा भी कम हो गई। उन्होंने आपस में प्रजनन भी कम किया।

पंखों की आवाज को खराब करता है म्यूजिक

वैज्ञानिकों ने बताया कि मच्छर पंखों की आवाज को मिलाकर बात करते हैं। स्क्रिलेक्स के गाने के शोर ने इस आवाज को खराब कर दिया। इससे वे मिल नहीं पाए। रिसर्चर्स को उम्मीद है कि ये इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक दुनिया में लाखों लोगों की जान बचा सकता है। यह डेंगू और जीका जैसी बीमारियों को फैलने से रोक सकता है।

कनाडा का एक ब्लाइंड व्यक्ति अब दांतों से देख पाएगा। ये चमत्कार एक अनोखी सर्जरी से हुआ है। दरअसल 21 साल पहले कनाडा के ब्रेंट चैपमैन की आंखों की रोशनी चली गई थी। लेकिन अब ‘टूथ-इन-आई’ सर्जरी से आंखों की रोशनी वापस आ गई है।

‘टूथ-इन-आई’ सर्जरी क्या है?

इस सर्जरी में मरीज का ही एक दांत निकाला जाता है। उसमें एक प्लास्टिक का लेंस लगाया जाता है। फिर उस पूरे हिस्से को आंख के सॉकेट में सिल दिया जाता है।

दांत का इस्तेमाल इसलिए होता है। क्योंकि यह इंसान के शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा है। यह लेंस के लिए एक अच्छा बेस बनता है। मरीज के शरीर का ही हिस्सा होने से शरीर इसे रिजेक्ट भी नहीं करता।

दुनियाभर में क्राइम रोकने के लिए पुलिस नए-नए तरीके अपना रही है। दक्षिण कोरिया की सियोल पुलिस ने एक अनोखी तरकीब निकाली है। उन्होंने क्राइम रोकने के लिए असली पुलिस की जगह एक होलोग्राम पुलिसकर्मी को लगाया है।

यह होलोग्राम पुलिसकर्मी 170 सेमी से भी ज्यादा लंबा है। यह हर शाम 7 से 10 बजे तक एक पार्क में दिखाई देता है। वह लोगों को सुरक्षा का एहसास दिलाता है। और चेतावनी देता है कि हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।

क्राइम में आई 22% की कमी

यह टेक्नोलॉजी पिछले अक्टूबर में ट्रायल पर शुरू की गई थी। पुलिस के डेटा से पता चला है। पार्क में होने वाले अपराधों में करीब 22% की कमी आई है। पुलिस चीफ ने इसे एक ‘स्मार्ट सिक्योरिटी डिवाइस’ बताया है।

हालांकि, पुलिस ने यह भी कहा है। यह टेक्नोलॉजी अपराधियों को सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकती। यह सिर्फ डर पैदा करती है। वहीं, लोगों की प्रतिक्रिया मिली-जुली है। कुछ लोगों ने इसे ‘पुलिस का भूत’ कहा। वे मजाक में कहते हैं कि क्राइम इसलिए कम हुआ। क्योंकि लोग भूतिया पुलिसकर्मी को देखकर पार्क में जाने से डरते हैं।

अमेरिका की एक लाइब्रेरी में 82 साल बाद एक किताब वापस लौटी है। सैन एंटोनियो पब्लिक लाइब्रेरी को यह किताब पिछले जून में मिली। किताब के साथ एक मजेदार चिट्ठी भी थी। जिसमें लिखा था कि दादी अब इसका जुर्माना नहीं भर पाएंगी।

किसने लौटाई और क्यों?

किताब लौटाने वाले शख्स ने बताया। यह किताब उन्हें अपने पिता की मौत के बाद विरासत में मिली। उनके पिता 11 साल के थे। तब उनकी दादी मारिया डेल सोकोरो ने यह किताब ली होगी। 1943 में जब वह यूएस एम्बेसी में काम करने मेक्सिको सिटी गईं। तब किताब उनके साथ चली गई।

लाइब्रेरी ने बताया कि किताब पर लेट फीस तीन सेंट प्रतिदिन थी। अगर महंगाई के हिसाब से आज इसका हिसाब लगाएं। तो जुर्माना 16,000 डॉलर (करीब 13 लाख रुपए) से ज्यादा होता। लेकिन लाइब्रेरी ने 2021 में ही लेट फीस माफ कर दी थी।

लाइब्रेरी ने बताया कि किताब अच्छी हालत में है। इसे अगस्त तक सेंट्रल लाइब्रेरी में दिखाया जाएगा। फिर इसे बेचकर लाइब्रेरी के लिए पैसा जुटाया जाएगा। वैसे, सबसे देर से लौटी किताब का असली रिकॉर्ड 288 साल का है।

इमेज सोर्स: AI जनरेटेड

वैज्ञानिकों ने अमेरिका के प्रशांत तट के लिए चेतावनी दी है। उनके मुताबिक, यहां एक बहुत बड़ी ‘मेगा-सुनामी’ आ सकती है। इसकी वजह एक शक्तिशाली भूकंप होगा।

यह सुनामी ‘कैस्केडिया सबडक्शन जोन’ (CSZ) में आने वाले एक बड़े भूकंप से आएगी। यह फॉल्ट लाइन करीब 600 मील लंबी है। यहां दो बड़ी टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकरा रही हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 50 सालों में यहां 8.0 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने की 15% संभावना है।

1000 फीट तक ऊंची होंगी लहरें

वर्जीनिया टेक के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में ये अनुमान लगाया है। उनके मॉडल के मुताबिक, एक बड़े भूकंप से तटीय जमीन करीब 6.5 फीट तक नीचे जा सकती है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ेगा। सुनामी की लहरें 1000 फीट तक ऊंची हो सकती हैं। इससे लाखों लोग, इमारतें और पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में आ जाएंगे। इस सुनामी से सिएटल, पोर्टलैंड और उत्तरी कैलिफोर्निया के कई शहर कुछ ही मिनटों में पानी में डूब सकते हैं।

तो ये थी आज की रोचक खबरें, कल फिर मिलेंगे कुछ और दिलचस्प और हटकर खबरों के साथ…

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