Pandit Indresh Upadhyay said- do your work, don’t rely on God | पंडित इंद्रेश उपाध्याय बोले-…

व्यक्ति का जीवन उसके कर्मों का फल है। न तो हम किसी देवता को दोष दे सकते हैं, न ही उनसे याचना कर सकते हैं। कर्म ही जीवन की हर क्रिया का आधार है। अनेक देवताओं की पूजा करने से बेहतर है कि हम मूलभूत साक्षात नारायण, श्री गिरिराजजी की पूजा करें। जैसे पेड़
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पंडित इंद्रेश ने कहा- सृष्टि में सब क्रिया, कर्मों के अधीन ही चल रही है। इसलिए काम करें और भगवान भरोसे नहीं रहे। अगर आप अच्छा कर्म करेंगे तो उसका अच्छा फल मिलेगा। अगर कोई व्यक्ति काम नहीं करे तो उनका कार्य सिद्ध कैसे होगा, कार्य की पूर्णता कैसे होगी। इसलिए काम करना आवश्यक है।
श्रीमद् भागवत कथा से पहले मंच पर श्री कृष्ण रासलीला का भव्य मंचन हुआ।
यह बात सीकर के रैवासा धाम में आयोजित 9 दिवसीय ‘श्री सियपिय मिलन महोत्सव’ में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत के अंतिम दिन कथा वाचन करते हुए प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित इंद्रेश उपाध्याय ने कही। इंद्रेश उपाध्याय ने श्रीमद् भागवत कथा के समापन के सातवें दिन आज कथा का विश्राम किया।
सात दिन तक चली श्रीमद् भागवत कथा में पंडित इंद्रेश उपाध्याय की मधुर वाणी और ज्ञानपूर्ण प्रवचनों ने श्रोताओं को आत्मिक शांति और प्रेरणा प्रदान की। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, भक्ति और जीवन के सच्चे उद्देश्यों पर उनकी व्याख्या ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन 7 दिनों में कथा सुनने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु, साधु-संत व कई राजनेता भी आए। वहीं, अब रैवासा धाम में 20 अगस्त को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।