इस खिलाड़ी के साथ हुई थी साजिश, जबरदस्ती दिलाया गया संन्यास; आंखों में आंसू ला देगी कहानी

क्रिकेट और पॉलिटिक्स, दो बहुत अलग-अलग क्षेत्र हैं, लेकिन अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि क्या वाकई में क्रिकेट में राजनीति होती है. यह मामला वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल का है, जिन्हें अपने अनोखे बैटिंग स्टांस के लिए जाना जाता था. चंद्रपॉल खुद स्वीकार कर चुके हैं कि उन्हें 2016 में संन्यास लेने के लिए मजबूर किया गया था. उनकी रिटायरमेंट के 9 साल बाद एक दावा सामने आया है, जिसमें कहा गया कि चंद्रपॉल को ब्रायन लारा के कारण संन्यास लेने को कहा गया था.
संन्यास में ब्रायन लारा का हाथ?
ब्रायन लारा ने अपने टेस्ट करियर में 11,953 रन बनाए थे. वहीं शिवनारायण चंद्रपॉल, 2015 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के समापन तक टेस्ट करियर में 11,867 रन बना चुके थे. लारा को पीछे छोड़ने से चंद्रपॉल सिर्फ 86 रन दूर थे, लेकिन तभी इंग्लैंड सीरीज के बाद उन्हें टेस्ट स्क्वाड से ड्रॉप कर दिया गया.
चंद्रपॉल की रिटायरमेंट के बाद ब्रायन लारा ने कहा था कि चंद्रपॉल को रिटायरमेंट मैच मिलना चाहिए था. मगर उन दिनों अफवाहें उड़ी थीं कि बोर्ड यह रिस्क नहीं लेना चाहता था कि चंद्रपॉल को रिटायरमेंट मैच मिले और वो रनों के मामले में लारा से आगे निकल जाएं.
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने युवाओं को मौका देने की बात कहकर चंद्रपॉल को रिटायरमेंट लेने की सलाह दी थी. जब खुद शिवनारायण चंद्रपॉल ने इस विषय पर बात की तो पता चला कि मास्टर्स लीग में खेलने का लालच देकर उन्हें संन्यास लेने के लिए कहा गया था. उन्हें मास्टर्स लीग के लिए NOC मिली, लेकिन चंद्रपॉल ने यह भी खुलासा किया था कि बोर्ड ने अंतर्राष्ट्रीय करियर से रिटायरमेंट ना लेने पर NOC वापस लेने की धमकी दी थी.
नहीं था कोई दूसरा रास्ता
शिवनारायण चंद्रपॉल का दर्द यहीं खत्म नहीं हुआ, क्योंकि उनके पास क्रिकेट करियर जारी रखने का कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था. चूंकि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड उन्हें टीम में वापसी का मौका नहीं दे रहा था, ऐसे में उनके पास मास्टर्स लीग के लिए NOC स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.
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