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शुभांशु शुक्ला के मिशन को लेकर विशेष सत्र का विपक्ष ने किया बहिष्कार, लेकिन शशि थरूर ने की…

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार (18 अगस्त,2025) को अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) मिशन की तारीफ की. उन्होंने इसे भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान महत्वाकांक्षाओं का “शक्तिशाली प्रतीक” और आगामी गगनयान कार्यक्रम का अहम हिस्सा बताया.

विपक्ष की गैरहाजिरी पर थरूर का बयान
थरूर ने कहा, “चूंकि विपक्ष विशेष चर्चा में भाग नहीं ले रहा, मैं यह कहना चाहता हूं कि कमांडर शुभांशु शुक्ला के हालिया ISS मिशन पर सभी भारतीयों को गर्व है. यह हमारे देश के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की ओर एक अहम कदम है.”

विपक्ष ने सत्र से किया किनारा
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्षी दलों से लोकसभा में शुक्ला के मिशन और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर विशेष चर्चा में शामिल होने की अपील की थी. हालांकि कई विपक्षी नेता कथित मतदाता धोखाधड़ी पर चर्चा की मांग करते हुए इस सत्र में शामिल नहीं हुए.

इसरो को मिला अनमोल अनुभव
थरूर ने कहा कि शुक्ला की उड़ान ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को ऐसा अमूल्य प्रत्यक्ष अनुभव और डेटा दिया, जिसे सिमुलेशन में हासिल नहीं किया जा सकता. इसमें अंतरिक्ष यान प्रणालियों की समझ, प्रक्षेपण प्रक्रियाएं, और सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण (microgravity) के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रभावों का प्रत्यक्ष अनुभव शामिल है. उन्होंने कहा कि यह अनुभव गगनयान मिशन को सुरक्षित और बेहतर बनाने में बेहद जरूरी होगा.

वैज्ञानिक और तकनीकी लाभ
इस मिशन के दौरान भारतीय प्रणालियों और प्रोटोकॉल को अंतरिक्ष के वास्तविक माहौल में परखा गया. इससे वैज्ञानिक निष्कर्ष भी निकले – जैसे मानव स्वास्थ्य संबंधी अध्ययन और पौधों की वृद्धि पर प्रयोग – जो भविष्य की भारतीय अंतरिक्ष उड़ानों के लिए जीवन-समर्थन और चिकित्सा प्रणालियों को आकार देंगे.

कूटनीतिक महत्व
थरूर ने मिशन के कूटनीतिक पहलू पर जोर देते हुए कहा कि यह “वैश्विक अंतरिक्ष कूटनीति” में एक मील का पत्थर है. इससे भारत की बहुपक्षीय सहयोग की तैयारी साबित हुई और संयुक्त अनुसंधान व निवेश के नए रास्ते खुले.

युवाओं के लिए प्रेरणा
थरूर ने कहा कि कमांडर शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान ने भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान महत्वाकांक्षाओं को मजबूत प्रतीक दिया है. इसने देश की नई पीढ़ी को विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित और अंतरिक्ष अध्ययन में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है, जो भारत के दीर्घकालिक अंतरिक्ष लक्ष्यों के लिए आवश्यक है.



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