There has been no rain for 26 days, so far only 195 mm of rain, 50% less than the average |…

बारिश के अभाव में किसानों के खेतों में फसलें जल रही।
बाड़मेर जिले में इस बार मानसून की बेरुखी से अकाल की आशंका बढ़ गई है। वजह ये है कि करीब 26 दिन से जिले में बारिश ही नहीं हुई है, इससे किसानों के खेतों में खड़ी बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ की फसलें जलने लगी है। जून, जुलाई और अगस्त के इन ढाई महीने में अब त
.
किसानों की 3 महीने की मेहनत अब बेकार जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भी 15 अगस्त तक अगर पर्याप्त बारिश नहीं होने से अभावग्रस्त घोषित करने का प्रावधान है। बाड़मेर जिले में इस बार बारिश की स्थिति शुरूआत से ही ठीक नहीं रही है। किसानों ने बड़े स्तर पर बुवाई की थी, लेकिन बारिश के अभाव में फसलें जल गई।
अब तक कहां कितनी बारिश
1 जून से लेकर 17 अगस्त तक बाड़मेर जिले में अब तक 195 एमएम बारिश हुई है। इनमें बाड़मेर में 181, रामसर में 189, शिव में 173, गडरारोड में 201, चौहटन में 195, सेड़वा में 256, गुड़ामालानी में 165, धोरीमन्ना में 140, धनाऊ में 312, नोखड़ा में 137, बाड़मेर ग्रा. में 188, बाटाडू में 214 एमएम बारिश हुई है। सिर्फ धनाऊ और सेड़वा को छोड़ कर जिले के अधिकांश हिस्सों में 26 दिन से बारिश ही नहीं हुई है। इससे खेतों में बोई हुई बाजरा, ग्वार, मूंग, मोठ सहित सभी तरह की फसलें जल गई।
एक्सपर्ट व्यू – बंगाल खाड़ी मानसून कमजोर
मौसम वैज्ञानिक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक इस बार पश्चिमी राजस्थान में मानसून की गतिविधियां कमजोर रही है। अरब सागर के मानसून से राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में भारी बारिश हुई, जबकि पश्चिमी राजस्थान पहुंचने तक कमजोर हो गया। जबकि पश्चिमी राजस्थान में बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मानसून से पिछले 2-3 साल में बारिश ज्यादा हुई थी।