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हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन,

शिमला: जहां एक ओर उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से प्रकृति हाहाकार मच रही है वहीं हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बुधवार को चार राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 617 सड़कें अवरुद्ध हो गईं और कई जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद करने पड़े। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात हुई बारिश के कारण किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर भारी तबाही हुई जिसके कारण किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित कर दी गई। राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रही।

कितनी बारिश हुई?

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार रात से कसौली में 145 मिलीमीटर, धर्मपुर में 122.8 मिलीमीटर, गोहर में 120 मिलीमीटर, मलरांव में 103.2 मिलीमीटर, बग्गी में 95.9 मिलीमीटर, नगरोटा सूरियां में 93.4 मिलीमीटर, नैना देवी में 86.4 मिलीमीटर, सुंदरनगर में 80.3 मिलीमीटर, कांगड़ा में 71.4 मिलीमीटर, बिलासपुर में 70.4 मिलीमीटर, धौलाकुआं में 67 मिलीमीटर, मंडी में 65.8 मिलीमीटर, शिमला में 64. 4 मिलीमीटर और धर्मशाला में 64 मिलीमीटर बारिश हुई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि बुधवार को चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 617 सड़कें अवरुद्ध हो गईं जिनमें 377 सड़कें मंडी जिले की और 90 कुल्लू जिले की हैं।

इन राजमार्गों पर आवाजाही बंद

अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-21), ओल्ड हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग (एनएच-5), मंडी-धर्मपुर (एनएच-3) और औट-सैंज मार्ग (एनएच-305) वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिए गए। उन्होंने बताया कि सोलन जिले में कोटी के पास चक्की मोड़ पर अवरुद्ध हुए शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। शिमला जिले के सुन्नी, कुमारसैन, चौपाल, डोडरा क्वार, जुब्बल, ठियोग और रामपुर उपखंडों, मंडी जिले के करसोग और सुंदरनगर, कुल्लू जिले के निरमंड और सोलन जिले के कुछ उपखंडों में स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी सहित शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। शिमला शहर के कई स्कूलों ने छुट्टियों की घोषणा कर दी है या ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए कहा है।

किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित

भारी बारिश के कारण किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर हुए भारी नुकसान के बाद किन्नौर जिला प्रशासन ने किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ने के कारण तंगलिप्पी और कांगरंग के पुल बह गए हैं। अधिकांश पैदल मार्ग या तो खतरनाक रूप से फिसलन भरे हो गए हैं या भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए, किन्नौर कैलाश यात्रा को अगली सूचना तक अस्थायी रूप से स्थगित किया जा रहा है। वर्तमान में मार्ग पर मौजूद तीर्थयात्रियों को मिलिंग खाटा और गुफा में सुरक्षित रूप से ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।

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