CJI गवई ने की महाराष्ट्र सरकार की तारीफ, बोले- ‘न्यायपालिका के साथ हमेशा…’

भारत के चीफ जस्टिस बी आर गवई ने रविवार (17 अगस्त, 2025) को कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने में हमेशा अग्रणी रही है. वह कोल्हापुर जिले में बम्बई हाई कोर्ट की नयी सर्किट पीठ का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे.
इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे. चीफ जस्टिस गवई ने कहा, ‘कुछ लोगों ने, मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता, यह टिप्पणी की थी कि न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के मामले में महाराष्ट्र सरकार पीछे है.’
सरकार हमेशा न्यायपालिका के साथ खड़ी
उन्होंने कहा, ‘यह गलत है. मेरा मानना है कि जब न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे का सवाल आता है तो इस मामले में महाराष्ट्र पीछे नहीं है. बुनियादी ढांचे के मामले में सरकार हमेशा न्यायपालिका के साथ खड़ी है.’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करके असंभव को संभव बना दिया है कि कोल्हापुर पीठ के लिए भवन कम समय में ही बन जाए.
चीफ जस्टिस ने कहा कि जो लोग यह टिप्पणी करते हैं कि न्यायिक बुनियादी ढांचे के मामले में राज्य सरकार पिछड़ रही है, वे देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बारे में नहीं जानते. मुझे विश्वास था कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पीठ स्थापित की जाए और सभी बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराए जाए.
वकीलों की ओर से पुणे में भी एक पीठ की मांग
चीफ जस्टिस गवई ने कहा कि उन्होंने हमेशा कोल्हापुर में एक पीठ का समर्थन किया है, क्योंकि किसी भी आम व्यक्ति को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए मुंबई (बम्बई हाई कोर्ट की मुख्य पीठ) तक आने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा कि अब वकीलों की ओर से पुणे में भी एक पीठ की मांग की जा रही है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं होगा, क्योंकि केवल मुट्ठी भर वकीलों ने ही यह मांग की है, आम लोगों ने नहीं.
कोल्हापुर में चौथी पीठ की स्थापना विभिन्न क्षेत्रों से वर्षों से उठ रही मांगों के बीच की गई है, ताकि वादियों और वकीलों पर बोझ कम किया जा सके, जिन्हें अपनी याचिकाओं की सुनवायी के लिए 380 किलोमीटर दूर मुंबई जाना पड़ता है.
कोल्हापुर में एक सर्किट पीठ गठित
वर्तमान में, मुंबई में मुख्य पीठ के अलावा, हाई कोर्ट की दो और पीठ हैं, विदर्भ क्षेत्र के नागपुर में और राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में. हाई कोर्ट की तीसरी पीठ निकटवर्ती गोवा में स्थित है. बम्बई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे ने एक अगस्त को एक अधिसूचना जारी करके कोल्हापुर में एक सर्किट पीठ बनाया.
कोल्हापुर पीठ सोमवार (18 अगस्त, 2025) से एक खंडपीठ और दो एकल पीठों के साथ कार्य करेगी. नई पीठ का अधिकार क्षेत्र छह जिलों सतारा, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग (अंतिम दो तटीय कोंकण क्षेत्र में स्थित) पर होगा.
कोल्हापुर खंडपीठ में ये जस्टिस करेंगे सुनवाई
कोल्हापुर खंडपीठ में जस्टिस एम एस कार्णिक और जस्टिस शर्मिला देशमुख शामिल होंगे, जबकि जस्टिस एस जी डिगे और जस्टिस एस जी चपलगांवकर एकल पीठ की अध्यक्षता करेंगे. उम्मीद है कि खंडपीठ जनहित याचिकाओं, सिविल रिट याचिकाओं, प्रथम अपीलों, पारिवारिक अदालत अपीलों, अवमानना अपीलों के साथ-साथ कोल्हापुर, सतारा, सांगली, सोलापुर, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के सभी अन्य सिविल और आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी.
जस्टिस डिगे की एकल पीठ आपराधिक अपीलों, आपराधिक पुनरीक्षण आवेदनों, जमानत आवेदनों और अन्य आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगी. जस्टिस चपलगांवकर एकल पीठ की अध्यक्षता करेंगे और यह पीठ दीवानी रिट याचिकाओं, दीवानी आवेदनों और एकल जस्टिस को सौंपी गई अन्य दीवानी मामलों की सुनवाई करेगी.
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