कांग्रेस ने ECI पर उठाए सवाल तो भाजपा नेता ने खोल दी पोल, बोले- हलफनामा देने से क्यों डर रहे…

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार (17 अगस्त, 2025) को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह पहली बार है जब नए चुनाव आयोग ने सूत्रों के जरिए बोलने के बजाए सीधे तौर पर बात की है. चुनाव आयोग पर हमले के बाद भाजपा ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को घेरा.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में भंडारी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दावों को झूठा करार देते हुए चुनाव आयोग की ओर से दिए गए जवाबों को दोहराया और राहुल गांधी पर चुनाव आयोग पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया.
एक्स पर पोस्ट में क्या बोले भाजपा प्रवक्ता?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने अपने एक्स पोस्ट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश का नाम लेते हुए कहा, “चुनाव हमारे लोकतंत्र की आत्मा है. आपके नेता राहुल गांधी झूठ फैलाकर उसी भरोसे को तोड़ना चाहते हैं. अगर उन्हें अपने आरोपों पर सच में विश्वास है तो उन्हें शपथपत्र दाखिल करने दें. उन्हें किस बात का डर है, क्या ये कि जैसे ही उनके झूठों का जाल कानूनी कसौटी पर आएगा, वह तुरंत बेनकाब हो जाएंगे?”
Jairam ji,
Elections are the soul of our democracy.
Your leader Rahul Gandhi wants to destroy that trust by peddling lies.
If he truly believes his allegations, let him file an affidavit under oath.
What is he scared of—that his web of falsehoods will be exposed the moment… https://t.co/yhEArI5bes
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी) (@pradip103) August 17, 2025
इसके बाद, उन्होंने राहुल गांधी के दावों और चुनाव आयोग के तथ्यों को बिंदुवार जिक्र किया.
दावा 1: महाराष्ट्र चुनाव में शाम 5 बजे के बाद वोट बढ़े
सच: चुनाव आयोग पहले ही इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि 6 बजे के बाद भी वोटिंग प्रतिशत का बढ़ना सामान्य बात है, क्योंकि आखिरी वोटर तक की गिनती की जाती है. इसमें कुछ असामान्य नहीं.
दावा 2: जब समरी रिवीजन हो चुका है, तो विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) क्यों हो रहा?
सच: साल दर साल होने वाले पुनरीक्षण में सिर्फ अनुपस्थित और स्थानांतरित वोटरों को ही अपडेट किया जाता है. जबकि SIR से सत्यापन व्यापक तौर पर किया जाता है. क्योंकि काफी संख्या में लोग लगातार पलायन करते हैं, इसलिए आयोग घर-घर जाकर सत्यापन करता है.
दावा 3: घर का नंबर “0” = फर्जी वोटर
सच: कई गरीब नागरिकों के पास रहने के लिए कोई स्थायी घर या निवास नहीं होता है. उनका पता वही होता है, जहां वे सोते हैं. तो ऐसे गरीब लोगों को फर्जी कहना उनके साथ अन्याय करना है.
दावा 4: मतदाता सूची में 1.5 लाख फर्जी वोटर मौजूद हैं.
सच: क्या लाखों मतदाताओं को सिर्फ शक के आधार पर नकली कहा जा सकता है? चुनाव आयोग को सबूत चाहिए, अफवाह नहीं. प्रत्येक मतदाता को यह अधिकार हासिल है कि वह वोटर लिस्ट से अपना नाम हटाने जाने से पहले उसके लिए उचित सबूत मांगे.
दावा 5: “मेरा बयान सार्वजनिक है, मैं शपथ पत्र नहीं दूंगा.”
सच: राहुल गांधी के इस दावे पर नियम 20(3) बिल्कुल स्पष्ट रूप से कहता है कि भले ही आप उस चुनावी क्षेत्र के वोटर न हों, फिर भी आप एक गवाह के तौर पर शिकायत कर सकते हैं. लेकिन, इसके लिए आपको एक शपथ पत्र देना होगा. यही कानून है.
दावा 6: डुप्लीकेट EPIC नंबर पर.
सच: हां, पहले समय में पश्चिम बंगाल और हरियाणा में कुछ ऐसे मामले थे, जहां डुप्लीकेट ईपिक नंबर का मामला था. लेकिन मार्च महीने में ही ऐसे 3 लाख मामलों को नए EPIC कार्ड जारी कर समस्या का समाधान किया जा चुका है.
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