‘वोट चोरी के गलत आरोपों से हम नहीं डरते’, बिहार SIR पर बोले मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार (17 अगस्त, 2025) को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी त्रुटियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं.
निर्वाचन आयोग का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ चुनावी राज्य बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की. मुख्य चुनाव आयुक्त ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दोहरे मतदान और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को निराधार करार दिया और कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से एसआईआर को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहा विपक्ष
उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं. निर्वाचन आयोग सभी राजनीतिक दलों से बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने का आग्रह करता है, अभी 15 दिन बाकी हैं.’
कुमार ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं और बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शी तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं.’ कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता और सत्तारूढ़ और विपक्षी दल, दोनों ही चुनाव प्राधिकार के लिए समान हैं.
भारतीय संविधान का अपमान
उन्होंने कहा, ‘‘अगर चुनाव याचिकाएं 45 दिन के भीतर दायर नहीं की जातीं, लेकिन वोट चोरी के आरोप लगाए जाते हैं तो यह भारतीय संविधान का अपमान है.’ कुमार ने कहा कि न तो आयोग और न ही मतदाता दोहरे मतदान और ‘वोट चोरी’ के निराधार आरोपों से डरते हैं.
उन्होंने कहा कि आयोग कुछ लोगों की ओर से खेली जा रही राजनीति की परवाह किए बिना सभी वर्गों के मतदाताओं के प्रति दृढ़ रहेगा. यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कांग्रेस की ओर से लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बाद अपना हमला तेज कर दिया है.
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