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50 फीसदी टैरिफ का क्या होगा? अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील पर बातचीत अटकी; ट्रंप की टीम ने…

भारत और अमेरिका के रिश्ते अब पिछले कई दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारत को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है. सूत्रों के अनुसार, शनिवार (16 अगस्त, 2025) को भारत को बड़ा झटका तब लगा जब अमेरिका ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की छठे दौर की बातचीत को स्थगित कर दिया. यह बैठक 25 से 29 अगस्त तक दिल्ली में होने वाली थी. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इस दौरे को संभवतः बाद में रीशेड्यूल किया जाएगा.

छठा दौर स्थगित, भारत को झटका
भारत और अमेरिका के बीच अब तक ट्रेड डील को लेकर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. छठे दौर की बैठक अहम मानी जा रही थी, लेकिन इसके स्थगित होने से भारत के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस देरी का सीधा असर टैरिफ पर पड़ेगा क्योंकि अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त 25 फीसदी पेनाल्टी टैरिफ यानी कुल 50 फीसदी शुल्क 27 अगस्त से लागू होने जा रहे हैं.

कृषि और डेयरी पर अमेरिकी दबाव
अमेरिका चाहता है कि उसे भारत के कृषि और डेयरी सेक्टर में ज्यादा बाजार मिले. लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि किसानों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा. भारत एक कृषि प्रधान देश है और अगर अमेरिकी बाजार भारतीय कृषि क्षेत्र में दखल देता है, तो इससे किसानों और अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा.

व्यापार का भविष्य
भारत और अमेरिका लंबे समय से बड़े पैमाने पर व्यापारिक साझेदार रहे हैं. दोनों देशों ने लक्ष्य रखा है कि द्विपक्षीय ट्रेड डील का पहला चरण सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही, योजना यह भी है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाया जाए. फिलहाल दोनों देशों के बीच करीब 191 अरब डॉलर का व्यापार हो रहा है.

टैरिफ का असर
अमेरिका ने 7 अगस्त से ही भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है. इसके अलावा रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने की वजह से भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी दंडात्मक टैरिफ भी लगाया गया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा. इसका असर भारत के निर्यात और आयात दोनों पर पड़ेगा.

भारत-अमेरिका व्यापारिक आंकड़े
वाणिज्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई 2025 के बीच भारत का अमेरिका को निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर तक पहुंच गया. वहीं, इस दौरान अमेरिका से आयात 12.33% बढ़कर 17.41 अरब डॉलर रहा. इस अवधि में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा.

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