Jodhpur: Strike continues in Mandore Mandi for the third day, protest continues | जोधपुर: मंडोर…

नए टैक्स के विरोध में मंडोर कृषि उपज मंडी में तमाम व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर रखी है और सभी धरना देकर सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं।
जोधपुर की मंडोर रोड पर स्थित राजमाता विजयाराजे कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही। राजस्थान सरकार द्वारा लगाए गए नए 0.5% मंडी टैक्स के विरोध में 14 अगस्त से शुरू हुई यह हड़ताल अब एक व्यापक आंदोलन का रूप लेत
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मंडोर मंडी व्यापार संघ के सचिव धर्मेंद्र भंडारी के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस आंदोलन का मुख्य कारण हाल ही में राज्य सरकार द्वारा मंडी उत्पादों पर लगाया गया 0.5% अतिरिक्त टैक्स है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने मंडी या उप मंडी यार्ड में गैर-अधिसूचित कृषि उपज और खाद्य उत्पादों पर मंडी समितियों द्वारा यूजर चार्ज (उपयोक्ता प्रभार) की दर प्रति एक सौ रूपए पर 0.50 पैसे (पचास पैसे) लगाया गया है।
जो, किसानों और छोटे व्यापारियों पर प्रत्यक्ष रूप से अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल रहा है।
त्योहारी सीजन में नुकसान ज्यादा
इस हड़ताल की समयसीमा विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि वर्तमान में राजस्थान में त्योहारों का विशेष मौसम चल रहा है। बाबा रामदेव का प्रसिद्ध मेला, जिसे राजस्थान का ‘छोटा कुंभ’ भी कहा जाता है, इसी दौरान आयोजित हो रहा है। इस मेले में राज्य के हजारों श्रद्धालुओं के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी लाखों लोग आते हैं।
ऐसे समय पर मंडी का बंद रहना छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए गहरे आर्थिक संकट का कारण बनता नजर आ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इस हड़ताल के कारण चला गया है।
व्यापारियों की मांगें
- नवीन 0.5% मंडी कर आदेश को तत्काल वापस लिया जाए।
- किसानों और छोटे व्यापारियों पर बढ़ते कर भार में राहत मिले।
- मंडी व्यापार को प्रोत्साहित करने वाली नीति बने।
आर्थिक नुकसान और आमजन पर असर
किसान: किसान अपनी फसलों को मंडियों में नहीं ला पा रहे, जिससे उनकी उपज खराब होने का खतरा बढ़ रहा है।
मजदूर: मंडियों में काम करने वाले सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर, जैसे हमाल, बेरोजगार हो गए और उन्हें पलायन करना पड़ सकता है।
उपभोक्ता: हड़ताल से आवश्यक वस्तुओं, जैसे चीनी और आटे सहित अन्य सामान की आपूर्ति बाधित हुई, जिससे खुदरा बाजार में वस्तुओं के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
व्यापार संघ की चेतावनी
व्यापार संघ के नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती, तो आंदोलन को और भी व्यापक रूप दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक मंडी कर वापस नहीं लिया जाता।
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रियों से अपील की है कि इस गंभीर मुद्दे को तत्काल संज्ञान में लेते हुए नवीन मंडी कर को निरस्त किया जाए। उनका कहना है कि इससे न केवल मंडी का सुचारु संचालन होगा, बल्कि किसानों और व्यापारियों को हो रहे भारी नुकसान से भी बचा जा सकेगा।