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मणिमहेश में स्नान करते हुए श्रद्धालु (फाइल फोटो)

उत्तर भारत की पावन मणिमहेश यात्रा आधिकारिक तौर पर आज (शनिवार) से शुरू हो गई है। जन्माष्टमी पर छोटे शाही स्नान के साथ आरंभ यह यात्रा राधा-अष्टमी यानी 31 अगस्त तक चलेगी। देशभर से मणिमहेश आने वाले भगवान भोले के भक्त इस बार यहां गंदगी नहीं फैला पाएंगे।

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राज्य सरकार ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ‘डिपोजिट रिफंड स्कीम’ शुरू की है। इस स्कीम को आज से ही पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर मणिमहेश यात्रा में पहली बार शुरू किया गया है। इसके तहत प्लास्टिक में पैक्ड खाद्य सामग्री के लिए श्रद्धालुओं को 2, 5 व 10 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे।

फोल्डेबल प्लास्टिक (चिप्स, कुरकुरे, चॉकलेट, नमकीन आदि) के 2 रुपए, पानी की बोतल के 5 रुपए और मेटल की बोतल में पैक्ड सामग्री के 10 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे। इन खाद्य सामग्री पर 2, 5 व 10 रुपए के स्कैनर लगे होंगे।

इनका उपयोग करने के बाद श्रद्धालु खाद्य सामग्री के प्लास्टिक को वापस कर सकेंगे। इसके लिए 10 कलेक्शन सेंटर खोले गए हैं। जिस दुकान से प्लास्टिक पैक्ड सामग्री खरीदी जाएगी, उस दुकान में भी श्रद्धालु प्लास्टिक को वापस कर सकेंगे। श्रद्धालुओं ने जो अतिरिक्त पैसा चुकाया है, वह स्कैनर पर स्कैन करने के बाद रिफंड होगा। इससे यात्रा के दौरान इधर-उधर कचरा नहीं फैलेगा।

आज 90 हजार श्रद्धालुओं के छोटा शाही स्नान की उम्मीद

छोटा शाही स्नान का मुहूर्त शुक्रवार रात 11.50 बजे शुरू होगा जो शाम 9.38 बजे तक रहेगा। भरमौर प्रशासन के मुताबिक, इस मुहूर्त पर 80 से 90 हजार श्रद्धालुओं के डल झील में डुबकी लगाने की संभावना है। मणिमहेश यात्रा पर हिमाचल के अलावा पंजाब, कश्मीर, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश से भी काफी संख्या में भगवान भोले के भक्त पहुंचते हैं।

यात्रा पर जाने को फिटनेस टेस्ट अनिवार्य, ऑक्सीजन की होती है कमी

समुद्र तल से 13385.83 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश के लिए यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को फिटनेस टेस्ट पास करना अनिवार्य होगा। टेस्ट पास करने वाले श्रद्धालुओं को ही यात्रा पर भेजा जाएगा। जो श्रद्धालु मेडिकल टेस्ट में फिट नहीं पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं होगी, क्योंकि इस यहां के दौरान ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे कई श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है।

प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें: ADM

ADM भरमौर कुलविंदर सिंह राणा ने देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं से इस यात्रा के दौरान प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा, जो श्रद्धालु पूरी तरह स्वस्थ नहीं है, वह यात्रा करने से बचें। यात्रा के दौरान गंदगी न फैलाने। उन्होंने बताया, इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 100 अतिरिक्त शौचालय बनाए गए हैं।

हेलिकॉप्टर, घोड़े, कुल्ली व पैदल चलकर पूरी की जा सकती है यात्रा

ADM ने बताया, श्रद्धालु इस यात्रा को हेलिकॉप्टर, घोड़े, कुल्ली या फिर पैदल चलकर पूरा कर सकते हैं। भरमौर से गौरीकुंड तक हेलिकॉप्टर का एक साइड का किराया 3340 रुपए है। उन्होंने बताया, इस बार होली से भी गौरीकुंड को हेली टैक्सी सेवा शुरू की गई है। होली से गौरीकुंड का किराया 4999 रुपए है। कुल्ली का अलग- अलग लोकेशन से किराया 200 से 1300 रुपए, घोड़े का 250 से 1450 रुपए तय किया गया है।

मणिमहेश यात्रा के लिए इस बार 500 पुलिस जवान, सर्च एंड रेस्क्यू टीम, NDRF-SDRF के 70 जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस ने इस यात्रा के दौरान यातायात को रेगुलेट करने के लिए चप्पे – चप्पे पर पुलिस जवान तैनात किए है।

भरमौर और होली से हेलिकॉप्टर में भी गौरीकुंड तक जा सकेंगे श्रद्धालु

हेली टैक्सी की पहली बार ऑनलाइन बुकिंग

ADM भरमौर ने बताया, पहली बार मणिमहेश यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गई है। देशभर से आने वाले श्रद्धालु ‘श्री मणिमहेश न्यास भरमौर’ की वेबसाइट पर जाकर हेली टैक्सी की बुकिंग कर सकते हैं।

यहां बनाए गए कैंप

प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा के लिए भरमौर, हड़सर, धनछो, सुंदरासी और गौरीकुंड में 5 जगह कैंप स्थापित किए है। इन कैंप में मेडिकल टीमें तैनात की गई है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के खाने-पीने के लिए लंगर और जगह जगह रहने के लिए टैंट की व्यवस्था की गई है।

मणिमहेश के कैलाश शिखर में शिव का निवास

ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव मणिमहेश के कैलाश शिखर पर निवास करते हैं, जो झील से दिखाई देता है। यह यात्रा हर साल, आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में हिंदू त्यौहार जन्माष्टमी के अवसर पर होती है। ​माना जाता है कि यह यात्रा 9वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जब एक स्थानीय राजा, राजा साहिल वर्मन को भगवान शिव के दर्शन हुए थे जिन्होंने मणिमहेश झील पर एक मंदिर स्थापित करने का निर्देश दिया।

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