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Janmashtami at the Dwarka Temple in Gujarat | गुजरात के द्वारका में जन्माष्टमी: जगत मंदिर को…

द्वारका10 मिनट पहले

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मुंबई के जेमिनी ग्रुप ने रिलायंस ग्रुप के सहयोग से मंदिर की सजावट की है।

गुजरात की देवभूमि द्वारका में 16 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जगतमंदिर को कलात्मक रोशनी से सजाया गया है। मुंबई के जेमिनी ग्रुप ने रिलायंस के सहयोग से यह सजावट की है। रोशनी से जगमगाते मंदिर की झलक 10 किमी दूर से भी देखी जा सकती है।

सांस्कृतिक विभाग ने शुक्रवार की रात 8 बजे द्वारका उत्सव 2025 का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम में सुखदेव गढ़वी और मालदे अहीर जैसे कलाकार प्रस्तुति देंगे, जिसकी अध्यक्षता पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा करेंगे।

लाखों श्रद्धालुओं के संभावित आगमन और प्रस्थान को ध्यान में रखते हुए, रेलवे विभाग ने जन्माष्टमी विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की है। इसके अलावा एसटी विभाग अतिरिक्त बसें भी चलाएगा।

नगर पालिका ने शहर में सफाई के विशेष प्रबंध किए हैं। खाद्य शाखा होटल, रेस्टोरेंट और खाने-पीने की दुकानों की जाँच कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगत मंदिर के बाहर एक स्वास्थ्य केंद्र भी शुरू किया गया है।

द्वारका मंदिर का प्रवेश द्वार

मंदिर प्रांगण को भी लाइटों से सजाया गया है।

कुछ ऐसा रहेगा जन्माष्टमी का कार्यक्रम
उत्थापन दर्शन सुबह 5 बजे
मंगला आरती सुबह 6 बजे
मंगला दर्शन सुबह 6 से 8 बजे तक
स्नान अभिषेक दर्शन सुबह 8 बजे
स्नान भोग (दर्शन बंद) सुबह 10 बजे
श्रृंगार भोग (दर्शन बंद) सुबह 10.30 बजे
श्रृंगार आरती (दर्शन बंद) सुबह 11 बजे
ग्वाल भोग सुबह 11.15 बजे
राजभोग (दर्शन बंद) दोपहर 12 बजे
अनोसर (मंदिर बंद) दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक
उत्थापन दर्शन शाम 5 बजे
उत्थापन भोग (दर्शन बंद) शाम 5.30 से 5.45 तक
संध्या भोग (दर्शन बंद) 7:15 से 7:30 तक
संध्या आरती 7:30 बजे
शयन भोग (दर्शन बंद) 8 से 8:10 बजे तक
शयन आरती 8:30 बजे
शयन अनोसर (मंदिर बंद) रात 9 बजे
जनमाष्टमी महोत्सव के आरती दर्शन रात 12 बजे
अनोसर (मंदिर बंद) रात 2:30 बजे

द्वारका का जगत मंदिर द्वारकाधीश मंदिर गुजरात राज्य के द्वारका में गोमती नदी के तट पर स्थित है। इसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान कृष्ण को समर्पित द्वारकाधीश मंदिर भारत के सबसे प्रमुख और भव्य मंदिर में से एक है। इसे रामेश्वरम, बद्रीनाथ और पुरी के बाद हिंदुओं के चार पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन करने आते हैं।

करीब 2200 साल पुराना तीर्थस्थल द्वारकाधीश मंदिर लगभग 2200 साल पुराना है, जिसका निर्माण वज्रनाभ ने किया था। इसके परिसर में भगवान कृष्ण के साथ-साथ सुभद्रा, बलराम, रेवती, वासुदेव, रुक्मिणी समेत कई देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं।

जन्माष्टमी पर मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव को देखने लाखों लोग पहुंचते हैं।

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