‘जांच में धर्मस्थल षडयंत्र का सच जल्दी ही आएगा सामने’, बोले कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी. के….

कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार ने कहा है कि जांच के बाद धर्मस्थल की छवि खराब करने की चल रही साजिश का पर्दाफाश हो जाएगा. शुक्रवार (15 अगस्त, 2025) को डी. के शिवकुमार ने धर्मस्थल में शवों को सामूहिक रूप से दफनाए जाने के मामले पर बात करते हुए यह भी संकेत दिया कि अगर ये आरोप झूठ निकले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आरोप है कि पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में सामूहिक रूप से शव दफनाए गए, जिसकी जांच विशेष जांच दल (SIT) को सौंपी गई है. इसकी शिकायत एक सफाई कर्मचारी ने की थी, जिसकी पहचान को गोपनीय रखा गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि साल 1995 से 2014 के बीच उसे शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें महिलाओं और नाबालिगों के शव भी शामिल थे. इनमें से कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान भी थे.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जांच के तहत, एसआईटी ने धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे शिकायतकर्ता की ओर से चिन्हित कई स्थानों पर खुदाई की है और अब तक दो स्थानों पर अवशेष बरामद किए हैं. डी. के. शिवकुमार ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘ धर्मस्थल के पक्ष या विपक्ष में नहीं, चीजें कानून के अनुसार होनी चाहिए. मुझे विश्वास है. मैंने वहां की भक्ति और शक्ति को करीब से देखा है. मेरी निजी राय में यह साजिश आने वाले दिनों में जांच के जरिए सामने आ जाएगी.’
उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि गृह मंत्री जी परमेश्वर सोमवार को विधानसभा में धर्मस्थल मुद्दे पर बहस के दौरान सच्चाई उजागर करेंगे. शिवकुमार ने कहा, ‘गृह मंत्री इस बारे में जानकारी देंगे. मुख्यमंत्री (सिद्धरमैया) ने भी कहा है कि किसी को भी किसी धार्मिक व्यक्ति या संस्था के खिलाफ झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए या अभियान नहीं चलाना चाहिए. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह बात कही गई थी.’
शिवकुमार ने कहा कि यदि आरोप झूठे साबित हुए तो कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘कानून सबके लिए समान है. अगर कोई गलत है तो उसे सजा मिलेगी, लेकिन किसी को भी अनावश्यक रूप से दूसरों को बदनाम नहीं करना चाहिए.’
उनसे पहले जी परमेश्वर ने विधानसभा में कहा था कि अगर एसआईटी को आरोप झूठे लगे तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. विधानसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायकों ने जांच के तरीके और धर्मस्थल और मंदिर को निशाना बनाकर चलाए जा रहे बदनाम करने वाले अभियान के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए सरकार की आलोचना की थी. परमेश्वर की ओर से सोमवार को चर्चा पर जवाब दिए जाने की उम्मीद है.