The poor have gobbled up their food grains, a big game was going on in NFSA for 12 years |…

केंद्र सरकार के सार्वजनिक वितरण विभाग की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट का खुलासा है कि एनएफएसए योजना (खाद्य सुरक्षा योजना) के तहत गरीबों का राशन पिछले 12 साल से 25 लाख टर्नओवर से ज्यादा वाले कंपनी मालिक, स्कॉर्पियो-थार जैसे वाहन रख
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इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि राजस्थान में अब तक लगभग 30 लाख अपात्र लोगों को योजना से हटाया जा चुका है। गरीबों का राशन खाने वाले ऐसे लोगों में राज्य में सबसे आगे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा और बीकानेर के कारोबारी हैं।
25 लाख से ज्यादा कमाई
झुंझुनूं जिला रसद अधिकारी निकिता राठौड़ ने बताया- केंद्र के सर्वे और डेटा एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में 25 लाख रुपए से ज्यादा का सालाना टर्नओवर करने वाले कारोबारी, कंपनियों के निदेशक, 6 लाख रुपए से अधिक आय वाले परिवार और हजारों वाहन मालिक भी मुफ्त का अनाज ले रहे थे।
राठौड़ ने बताया- एनएफएसए योजना 2013 में लागू हुई थी। राज्य सरकार ने गिवअप अभियान चलाकर 30 लाख अपात्रों के नाम हटाए थे।
झुंझुनूं जिला रसद अधिकारी निकिता राठौड़ ने बताया- जिन लोगों के नाम पर जीएसटी रजिस्टर्ड फर्में चल रही हैं और जो लाखों-करोड़ों का कारोबार करते हैं, वे भी गरीबों के राशन कार्ड लेकर अनाज उठा रहे थे। इनमें दवा कारोबारी, कंस्ट्रक्शन ठेकेदार और मिठाई व्यापारी जैसे लोग शामिल हैं।
विभाग ने दैनिक भास्कर को 3 केस बताए-
केस 1
राशन कार्ड धारक सुभाष सूरजगढ़ का रहने वाला है। सुभाष जयपुर में मिठाई का बड़ा कारोबारी है। उसकी आय 25 लाख से ज्यादा है। वह पिछले 8 साल से खाद्य स्कीम में गेहूं उठा रहा था।
केस 2
वहीं बाबूलाल झुंझुनूं का रहने वाला है। इसके पास चार डंपर है। इनसे कमाई 25 लाख से ज्यादा की होती है। आंकड़ों में बाबूलाल पिछले 10 साल से मुफ्त अनाज उठा रहा था।
केस 3
जगदीश प्रसाद चिड़ावा का रहने वाला है। जिसकी मेडिकल की एजेंसी ले रखी है। इसने भी करीब 10 साल से गेहूं उठाया है। इसकी आय भी सालाना 25 लाख से ज्यादा की है।
राठौड़ ने बताया- विभाग ने जब वाहन रजिस्ट्रेशन डेटा को आधार से जोड़ा, तो पता चला कि हजारों वाहन मालिक भी एनएफएसए स्कीम में रजिस्टर्ड थे। झुंझुनूं में 5,303 वाहन मालिक इस योजना का लाभ उठा रहे थे।
अब विभाग की कार्रवाई
झुंझुनूं जिला रसद अधिकारी निकिता राठौड़ ने बताया- अब रसद विभाग ने दो कैटेगरी बनाकर सर्वे शुरू किया है। पहली में फर्म संचालक और दूसरी में वाहन मालिक। तीसरी और चौथी कैटेगरी में उच्च आय और टर्नओवर वाले लोगों को रखा गया है।
विभाग ने राशन डीलरों को अपात्रों की लिस्ट सौंपी है और सत्यापन शुरू हो गया है। इन लोगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं और अगर वे स्कीम से बाहर नहीं होंगे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।