India Independence Day: ‘खून और पानी साथ नहीं बहेंगे, न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी,’ लाल…

भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवादियों और उनको पालने-पोसने वालों के बीच कोई फर्क नहीं किया जाएगा और अगर दुश्मनों ने आगे भी कोई हिमाकत की तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग नहीं सहेगा
पीएम मोदी ने अपने 103 मिनट के संबोधन में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से ऐसी तबाही हुई कि पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है. सिंधु जल समझौता ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा’ है जो भारत को मंजूर नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा कवच को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए ‘सुदर्शन चक्र’ मिशन शुरू किया जाएगा.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों को सलामी देने का अवसर मिला है. हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में जिस तरह से कत्लेआम किया, उससे पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और पूरा विश्व भी चौंक गया था.
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने वह कर दिखाया जो कई दशकों तक नहीं हुआ था. पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि उनकी नींद उड़ी हुई है और रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं.
‘अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे’
पीएम मोदी ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को आगाह करते हुए कहा कि आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी. सेना की शर्तों पर, सेना द्वारा निर्धारित समय पर, सेना द्वारा तय लक्ष्य को अब हम अमल में लाकर रहेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब न तो सिंधु जल समझौते के मौजूदा स्वरूप को स्वीकार करेगा और न ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की परमाणु धमकियों को बर्दाश्त करेगा. भारत ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे.
‘सिंधु नदी के जल पर भारत का एकमात्र अधिकार’
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा’ करार देते हुए कहा कि सिंधु नदी के जल पर भारत और उसके किसानों का एकमात्र अधिकार है. इस संधि ने भारत में कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि इस संधि की वजह से सिंधु के जल से ‘‘हमारे दुश्मनों के खेतों की सिंचाई होती है, जबकि मेरे देश की धरती और मेरे देश के किसान प्यासे रहते हैं.
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