अलग-अलग तरीके से क्यों रिएक्ट करता है मर्द और औरत का इम्यून सिस्टम, सामने आई चौंकाने वाली स्टडी

Male vs Female Immunity: इम्यून सिस्टम की बात की जाए तो ये पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग क्यों नजर आता है. इस सवाल को खोजने के लिए वैज्ञानिक लंबे वक्त से परेशान थे. हालांकि अब यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क (University of York) के शोधकर्ताओं ने इसका एक अहम जवाब निकाला है. जवाब छिपा है सिर्फ एक जीन में…
क्या है वो एक अनोखा जीन
आम तौर पर जीन हमारे शरीर में प्रोटीन बनाने का काम करते हैं. लेकिन Malat1 अलग है. यह RNA बनाता है और यही RNA महिलाओं की इम्यूनिटी को पुरुषों से अलग तरह से प्रभावित करता है.
- टी-सेल्स और एलर्जी का रिश्ता
- इम्यून सिस्टम का बड़ा हिस्सा T cells होते हैं. इनमें से एक खास प्रकार है Th2 cells। होता है.
- ये कोशिकाएं संक्रमणों (जैसे schistosomiasis) से बचाती हैं.
- यही कोशिकाएं गंभीर एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियों को भी बढ़ाती हैं.
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चूहों पर किया प्रयोग
यूनिवर्सिटी की टीम ने चूहों पर प्रयोग करके देखा कि जब Malat1 जीन को हटा दिया गया तो मादा चूहों के Th2 cells ठीक से विकसित ही नहीं हो पाए. आश्चर्य की बात यह थी कि नर चूहों में यह समस्या बिल्कुल नहीं दिखी.
क्यों महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं?
- यही कारण है कि कई autoimmune diseases, एलर्जी और गंभीर अस्थमा जैसी बीमारियां महिलाओं को अधिक सताती हैं.
- दुनिया में अस्थमा से 24 करोड़ से ज्यादा लोग पीड़ित हैं, जिनमें गंभीर मरीजों का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा महिलाएं हैं.
- इसी तरह schistosomiasis जैसी बीमारी, जो 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रभावित करती है, लड़कियों और गर्भवती महिलाओं को अधिक परेशान करती है.
इलाज कैसे किया जा सकता है
प्रोफेसर दिमित्रिस लागोस कहते हैं कि इम्यून सिस्टम को लेकर अब “one-size-fits-all” दृष्टिकोण काम नहीं करेगा. हर लिंग के हिसाब से इलाज अलग होना चाहिए. यानी अगर डॉक्टर समझ पाते हैं कि महिलाओं की इम्यून सिस्टम जीन की मदद से कैसे काम करती हैं, तो वे महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग इलाज कर सकते हैं. हालांकि, अब शोधकर्ताओं की टीम मानव कोशिकाओं पर यह अध्ययन दोहराना चाहती है. उनका उद्देश्य है समझना कि Malat1 जीन इम्यूनिटी को कितनी बारीकी से नियंत्रित करता है.
एक छोटा सा जीन यह दिखाता है कि पुरुष और महिलाएं एक ही बीमारी पर क्यों अलग-अलग प्रतिक्रिया देते हैं. यह खोज सिर्फ विज्ञान के लिए ही नहीं, बल्कि लाखों मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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