The tradition of Samudra Manthan was performed in Utvan after 26 years | उतवण में 26 साल बाद…

पाली के निकट स्थित उतवण गांव में समुंद्र मंथन के दौरान मौजूद ग्रामीण। गांव में करीब 26 साल बाद समुंद्र मंथन की परम्परा निभाई गई।
पाली शहर के निकट उतवण गांव में 26 साल बाद समुद्र मंथन (समद डोवण) की परंपरा गुरुवार को निभाई गई। करीब 900 महिलाएं जिन्होंने पहले समुद्र मंथन नहीं किया उन्होंने पहले गांव के तालाब की परिक्रमा लगाई। उसके बाद तालाब के पानी में खड़े होकर समुंद्र मंथन की पर
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आयोजन से पूर्व शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर घड़ा रख तालाब किनारे पहुंची। प्रहलाद सिंह ने बताया कि इस आयोजन का धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टि से महत्व है। गांव में इससे पहले वर्ष 1999 में समुद्र मंथन हुआ था। लंबे अंतराल के बाद हुए आयोजन को लेकर गांव में खासा उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों ने बताया कि समद डोवण भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने वाली परंपरा है। इस मौके पर तालाब किनारे मेले जैसा माहौल रहा। दूर-दराज से आए लोग भी इस परंपरा को देखने के लिए शामिल हुए। आयोजन के साथ पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा वातावरण बन गया और गांववासियों ने परंपरा को जीवंत कर अगली पीढ़ी को सौंपने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम के दौरान व्यवस्था में प्रहलाद सिंह महावीरसिंह, मांगीलाल गुर्जर, गुलाबराम एडवोकेट, मंगलाराम भाट, सरपंच जोगाराम, भोपाल देवासी सहित गांव के कई मौजिज लोग जुटे रहे।