टीम इंडिया के नए स्पांसर पर इस तारीख को लगेगी मुहर, BCCI ने बनाया 400 करोड़ रुपये की कमाई का…

ड्रीम11 से करार खत्म होने के बाद BCCI को भारतीय क्रिकेट टीम के टाइटल स्पांसर की तलाश है. इससे पहले बोर्ड ने जर्सी स्पॉन्सरशिप की बेस प्राइस बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक बाइलेटरल मैचों के लिए 3.5 करोड़ रुपये और मल्टीटीम टूर्नामेंट के लिए इसका प्राइस 1.5 करोड़ रुपये तय किया गया है. इससे बीसीसीआई की 3 साल में 400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होने की उम्मीद है.
बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए नए बेस प्राइस तय किए हैं. अब द्विपक्षीय सीरीज के लिए बोर्ड को 3.5 करोड़ रुपये मिलेंगे. मल्टीटीम टूर्नामेंट जैसे एशिया कप, चैंपियंस ट्रॉफी, टी20 या ओडीआई वर्ल्ड कप आदि में एक मैच के लिए 1.5 करोड़ रुपये तय किए गए हैं. 3 साल में लगभग 130 मैच होने हैं, इनसे बीसीसीआई की कमाई 400 करोड़ से ज्यादा की होने उम्मीद है.
ड्रीम11 भारतीय टीम का टाइटल स्पांसर था, जिसके साथ करार ऑनलाइन गेमिंग कानून के बाद खत्म हो गया है. अब बीसीसीआई नए करार की तलाश में है. 16 सितंबर को नए स्पांसर की बोली लगेगी.
स्पांसर के लिए नया बेस प्राइस
- द्विपक्षीय सीरीज (जब भारत किसी एक देश के साथ खेलेगा)- 3.5 करोड़ रुपये प्रति मैच
- ICC या ACC टूर्नामेंट में (वर्ल्ड कप, एशिया कप, चैंपियंस ट्रॉफी आदि)- 1.5 करोड़ रुपये प्रति मैच
पहले की तुलना में ये बेस प्राइस ज्यादा है. अभी तक बोर्ड को द्विपक्षीय सीरीज के एक मैच के लिए 3.17 करोड़ रुपये और मल्टीटीम टूर्नामेंट में प्रति मैच के 1.12 करोड़ रुपये मिलते थे. यानी बोर्ड ने अब नए करार से कम से कम 10 प्रतिशत ज्यादा अधिक की कमाई का टारगेट रखा है.
बता दें कि द्विपक्षीय सीरीज में स्पांसर को थोड़ा अधिक फायदा इसलिए होता है क्योंकि इनमें कंपनी का लोगो जर्सी के सामने दिखता है. आईसीसी और एसीसी टूर्नामेंट्स में लोगो सिर्फ जर्सी की बाजू पर दिखता है.
3 साल का करार चाहता है BCCI
बीसीसीआई ने साफ किया है कि वह अस्थायी स्पॉन्सरशिप डील नहीं करना चाहता. वह अगले 3 साल के लिए करार करना चाहता है. इस दौरान 2026 टी20 वर्ल्ड कप, 2027 ओडीआई वर्ल्ड कप आएंगे और कुल मिलाकर भारतीय टीम करीब 130 मैच खेलेगी. इसके अनुसार अनुमान है कि बीसीसीआई की 3 साल में 400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होगी.
ये कंपनियां नहीं लगा सकती बोली
बीसीसीआई ने 2 सितंबर को बोली लगाने के लिए नए नियम बताए. बेटिंग, गेमिंग, क्रिप्टो या तंबाकू कंपनियां स्पॉन्सरशिप के लिए बोली नहीं लगा सकती. इसके आलावा खेलों की जर्सी बनाने वाली कंपनियां, बैंकिंग, कोल्ड ड्रिंक्स, इंश्योरेंस, मिक्सर-ग्राइंडर, ताले, पंखे, और फाइनेंशियल कंपनियों को भी इससे बाहर रखा गया है क्योंकि इनके प्रोडक्ट पहले से ही बीसीसीआई के दूसरे स्पोंसर्स से जुड़े हुए हैं.