स्वास्थ्य

why baby more active at night during pregnancy know its health connection

किसी भी महिला के जीवन का सबसे खास पल मां बनना होता है। प्रेग्नेंसी के चौथे महीने से मां गर्भ में पल रहे बच्चे की हल्की मूवमेंट फील करती हैं। जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी के हफ्ते बढ़ते हैं, वैसे-वैसे बच्चे के मूवमेंट बढ़ जाती है। वहीं सातवें महीने के बाद से बच्चे के घूमने और किक मारने का भी मां एहसास करती है। गर्भ में पलने वाले बच्चे की इन्हीं हरकतों से मां गर्भ में पलने वाले बच्चे के सेहत का अंदाजा भी लगा लेती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चे की 10 मूवमेंट हर घंटे में फील होती है। लेकिन कुछ महिलाओं का कहना है कि दिन भर उनको ऐसा कम महसूस होता है, लेकिन रात में बच्चा ज्यादा एक्टिव होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रेग्नेंसी के समय बच्चा ज्यादा एक्टिव क्यों रहता है।

रात में अधिक मूवमेंट

गर्भ में बच्चे की हलचल को पूरा दिन महसूस किया जा सकता है। लेकिन अधिकतर गर्भवती महिलाओं को रात के समय बच्चे की हलचल अधिक महसूस होती है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि रात में जब बच्चे को कोई हलचल नहीं महसूस होती है, तो वह अधिक सतर्क हो जाता है। वहीं दिन के समय काम के कारण महिलाएं अधिक एक्टिव रहती हैं। जिससे बच्चा नींद की स्थिति में जा सकता है।

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व्यस्त रूटीन

रात में बच्चे के मूवमेंट के फील होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि महिलाएं दिन भर घर के कामों या बाहर के कामों में व्यस्त रहती हैं। ऐसे में जब आप रात में शांत होकर लेटती हैं, तो आपको बच्चे की किक अधिक महसूस होती है।

ब्लड फ्लो

कुछ लोगों का मानना होता है कि लेटने के दौरान बच्चे तक अधिक ब्लड पहुंचता है। जिससे गर्भ में पलने वाला बच्चा अधिक सक्रिय हो जाता है।

खाना खाने के बाद

रात का खाना खाने के बाद आप रिलैक्स महसूस करती हैं। वहीं खाने से आपको एनर्जी मिवती है। ऐसे में बच्चा किक मारकर प्रतिक्रिया देता है।

बच्चे का रूटीन

गर्भ में पलने वाला बच्चा भी नींद का एक पैटर्न विकसित करता है। ऐसे में हो सकता है कि बेबी दिन में सोता हो, इसलिए आपको दिन में अधिक हलचल महसूस नहीं होती है। वहीं बच्चा रात को जागता हो, तो उस समय आपको उसकी प्रतिक्रिया मिलती है।

हर बच्चा होता है अलग

बता दें कि हर बच्चे की एक्टिविटी और व्यवहार अलग-अलग होता है। कुछ बच्चे दिन में अधिक एक्टिव हो सकते हैं, तो कुछ रात में अधिक एक्टिव रहते हैं। इसके अलावा आपके उठने, बैठने और आपकी हर एक्टिविटी का बच्चे की गतिविधियों पर असर होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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