Janmashtami 2025 Bhog: कान्हा के 56 भोग, लेकिन धनिया पंजीरी ही क्यों विशेष, जानें

श्रीकृष्ण के 56 भोग में धनिया पंजीरी महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसे महाप्रसाद कहा जाता है. पंजीरी एक पारंपरिक व्यजंन है, जो धनिया, शक्कर, घी और मेवे से तैयार की जाती है.
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर पंजीरी का भोग कृष्ण को अर्पित करना बहुत शुभ होता है. आइये जानते हैं आखिर कृष्ण को क्यों अतिप्रिय है धनिया पंजीरी और इसे अर्पित करने के क्या लाभ हैं.
यशोदा माता कान्हा को माखन मिश्री के साथ ही धनिया पंजीरी भी खिलाया करती थीं. इसलिए यह कृष्ण को प्रिय है. पंजीरी शरीर के लिए पौष्टिक होती है. इसमें मौजूद धनिया, घी, मेवे आदि शरीर को ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं.
शास्त्र के अनुसार धनिया का धन कारक माना जाता है. मान्यजा है कि, जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को धनिया पंजीरी को भोग चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की कामना पूरी करते हैं.
जन्माष्टमी के दिन भगवान को धनिया पंजीरी का भोग अर्पित करने के बाद भक्त भी इसे ग्रहण करते हैं. दरअसल जन्माष्टमी का व्रत सुबह से लेकर रात तक रखा जाता है और व्रत खोलने के लिए पंजीरी का भोग सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसका कारण यह है कि यह आसानी से पचने वाला है.
इन्हीं कारणों से जन्माष्टमी के दिन धनिया पंजीरी भोग का महत्व अन्य भोग की अपेक्षा अधिक बढ़ जाता है और इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. जन्माष्टमी के दिन आप भी धनिया पंजीरी का भोग तैयार कर श्रीकृष्ण को श्रद्धापूर्वक जरूर अर्पित करें.
Published at : 15 Aug 2025 12:15 PM (IST)