Haryana Palwal Preeti Malik Heavy Driving license Update; Haryana Roadways Department | लेडी…

प्रीति मलिक, जिनके पास हैवी ड्राइविंग लाइसेंस है।
हरियाणा के पलवल की रहने वाली लेडी टीचर प्रीति राहुल मलिक फरीदाबाद, पलवल और मेवात इलाके की पहली महिला हैं, जिनके पास हैवी ड्राइविंग लाइसेंस है। बेझिझक ट्रक-बस को सड़क पर दौड़ा लेती हैं। उन्हें अब जज की गाड़ी चलाने से लेकर स्कूल बस ड्राइवर तक के ऑफर आ
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हालांकि, प्रीति ने ऐसा ड्राइवरी की नौकरी पाने के लिए नहीं किया। बल्कि वह एक साल तक स्कूल टीचर रही हैं। उनके पास जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) का डिप्लोमा तो है ही, उसके बाद बीए-बीएड की डिग्री भी हासिल की। यही नहीं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी किया है।
ट्रक-बस जैसे भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग लेकर लाइसेंस लेने की पीछे एक हादसा जुड़ा है। एक घटना जिससे उनके मन को ठेस पहुंची और ठान दिया अब कुछ करके दिखाएंगी।
ट्रेनिंग के दौरान बस चलाते हुए प्रीति मलिक।
पहले जानिए कौन हैं प्रीति मलिक गांव सेवली की रहने वाली प्रीति मलिक की शादी 12 मई 2013 में पलवल के बसंत विहार कॉलोनी में रहने वाले राहुल मलिक के साथ हुई। उन्होंने साल 2011 में डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) में दाखिला लिया था, हालांकि इसकी पढ़ाई शादी के बाद ही पूरी हुई। इसके बाद बीए और बीएड की डिग्री पूरी की।
इस दौरान 1 साल उन्होंने जेबीटी के रूप में स्कूल में बच्चों को पढाया। स्कूल छोड़ने के बाद प्रीति ने मेकअप और बुटिक कोर्स किया। फिर साल 2025 में प्रीति ने भिवानी के एक इंस्टीट्यूट से फैशन डिजाइनर का कोर्स किया।
पति भी दिल्ली में स्कूल टीचर रहे प्रीति के पति राहुल मलिक साल 2013 से लेकर 2020 तक दिल्ली के एक स्कूल में जेबीटी रहे हैं। दोनों ने जेबीटी का कोर्स एक ही संस्थान से पूरा किया। प्रीति की मुलाकात कोर्स के दौरान राहुल से हुई, जिसके बाद दोनों ने साल 2011 में शादी कर ली। शादी के बाद दोनों के दो बच्चे हैं। जिनमें 11 साल का बेटा और 9 साल की बेटी है। बेटा 7वीं क्लास में पढ़ता है और बेटी 5वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है।
35 दिन रोडवेज के ट्रेनिंग सेंटर में बस चलानी सीखी
अब जानिए वो घटना…जिसके बाद प्रीति ने हैवी DL लेने की ठानी जून 2024 में प्रीति अपने पति के पैतृक रोहतक के गांव मोखरा मदीना गईं थी। पलवल लौटते वक्त प्रीति पति की टाटा टियागो कार चला रहीं थी। पूरा परिवार कार में था। रोहतक शहर के अंदर मेडिकल मोड़ पर अचानक प्रीति की कार किसी दूसरी कार से टच हो गई। इसके बाद दूसरी कार में सवार लोगों ने हंगामा कर दिया। यहां तक कह दिया कि महिलाएं ठीक से गाड़ी नहीं चला सकती…जब कार चलाना नहीं आता तो चला क्यों रहीं हैं।
मामले की शांत करने के लिए प्रीति ने परिवार के सामने खेद जताया। माफी मांगने से वो मामला तो शांत हो गया, लेकिन भीतर से मन आहत हुआ। यही वो दिन था कि जब प्रीति ने ठान लिया कि अब तो भारी वाहन भी चलाना सीखेंगी और लाइसेंस भी लेंगी।
35 दिन रोडवेज के ट्रेनिंग सेंटर में बस चलानी सीखी प्रीति ने बताया कि उसी दिन उसने सोच लिया था कि अब वह इस तरह की ड्राइविंग सीखेंगी ,जिससे वो कार जैसे छोटे वाहन नहीं बल्कि बड़े वाहनों को रोड पर दौड़ा सकें। जिसके बाद उन्होंने ये बात अपने पति राहुल मलिक को बताई । पति ने सहमति जताई तो हरियाणा रोडवेज के ट्रेनिंग सेंटर में पहुंचीं।
प्रीति ने बताया कि वो अपने बैच में इकलौती महिला थीं, जो हैवी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग ले रहीं थी। शुरुआत में उनको बड़े वाहन का अनुभव बिल्कुल नहीं था। लेकिन मन में ठाना हुआ थी कि हैवी ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना है। इसको लेकर उनके अंदर एक जनून सवार था। 35 दिन की ट्रेनिंग पूरी हुई।
प्रीति मलिक ने कहा कि महिलाओं को इस फील्ड में आना चाहिए।
ससुराल या मायके में भी नहीं बताया प्रीति बताती हैं कि भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग लेने की बात सिर्फ उनके पति को पता थी। ससुराल या मायके वालों को नहीं बताया। 35 दिन तक पूरी मेहनत-लगन से सीखा। फिर सितंबर 2024 में हैवी ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए आवेदन कर लिया।
पहली ही बार में उन्होंने लाइसेंस के लिए होने वाला टफ ड्राइविंग टेस्ट क्लियर कर लिया। दिसंबर में उनके हाथ में हैवी ड्राइविंग लाइसेंस आ गया। वो दिन था कि मन जैसे हवा में उड़ रहा था। लग रहा था कि कुछ खास पास लिया है। प्रीति अपने आस-पास के इलाके की पहली ऐसी महिला बनीं, जिसने ये लाइसेंस हासिल किया है।
प्रीति मलिक अपने पति राहुल मलिक के साथ। फाइल फोटो
परिवार को पता चला तो उन्होंने भी हौसला बढ़ाया प्रीति बताती हैं कि परिवार को ट्रेनिंग और लाइसेंस लेने तक कुछ नहीं पता था। जब उन्होंने बाद में बताया तो परिवार ने उनके काम की तारीफ की। अभी वह कहीं पर भी नौकरी नहीं कर रही हैं। अपने अनुभव को बरकरार रखने के लिए वह बीच-बीच में ट्रक और बस चलाती रहती हैं।
पति राहुल मलिक ने कहा कि शुरू में परिवार से इस बात को छिपाना पड़ा था, क्योंकि परिवार कभी इसके लिए परमिशन नहीं देता। इसलिए परिवार को बिना बताए ये कदम उठाया। पत्नी की कामयाबी पर उनको बेहद गर्व है।
ट्रेनर बोले- प्रीति इतनी आसानी से सीख गईं, हैरानी होती है हरियाणा रोडवेज के हैवी ड्राइविंग लाइसेंस विभाग में प्रतिभागियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने वाले सुरेन्द्र ने बताया कि प्रीति पहली ऐसी महिला हैं, जिसको हमने बस चलाना सिखाया। शुरू में उनको नहीं लगा था कि प्रीति इतनी आसानी से सीख पाएंगी। लेकिन ट्रेनिंग के दौरान महिला होते हुए उसने पुरूष ड्राइवरों के मुकाबले में बेहतरीन बस चलाई। प्रीति के बाद आज तक कोई दूसरी महिला हमारे पास ट्रेनिंग के लिए नहीं आई है।