‘हम नहीं कर सकते सुनवाई’, बंगाल शिक्षक भर्ती के दागी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के खिलाफ…

पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती के दागी उम्मीदवारों की लिस्ट प्रकाशित करने को चुनौती देते हुए दाखिल याचिकाओं पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों की भर्ती में धांधली पाए जाने के बाद इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. इसमें 1,804 उम्मीदवारों को दागी पाया गया था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इन दागी अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई, जिसे चुनौती देते हुए याचिकाएं दाखिल की गईं, लेकिन हाईकोर्ट ने इन्हें खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) ने 28 अगस्त को अपनी वेबसाइट पर साल 2016 के स्टेट लेवल सेलेक्शन टेस्ट (SLST) से जुड़ी अयोग्य अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की. इसमें 1804 लोगों का नाम है, इन लोगों को आगामी भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार हाईकोर्ट के जज जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने कहा कि विशेष अनुमति याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं और दागी उम्मीदवारों के नामों वाली सूची पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग की ओर से 28 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रकाशित की गई है, इसलिए ये उपयुक्त मामले नहीं हैं जिनमें हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए.
उन्होंने याचिकाकर्ताओं के बेदाग शिक्षक होने के दावे को खारिज करते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस भट्टाचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त के अपने आदेश में एसएससी के वकील की इस दलील को दर्ज किया कि जिन दागी उम्मीदवारों के चयन को अदालत ने रद्द कर दिया था, उनकी सूची सात दिन के भीतर आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी जाएगी.
हाईकोर्ट में ये याचिकाएं उन अभ्यर्थियों की ओर से दायर की गई थीं, जिनके नाम दागी अभ्यर्थियों की सूची में थे. इनमें एसएससी की ओर से 30 अगस्त को जारी ज्ञापन में ऐसे अभ्यर्थियों के नामों वाली सूची के प्रकाशन पर सवाल उठाया गया था. लिस्ट में 1,804 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिन्हें 2016 में कक्षा 9,10,11 और 12 के लिए पहली राज्य स्तरीय चयन परीक्षा में भाग लेने के संबंध में दागी घोषित किया गया है.
जस्टिस भट्टाचार्य ने कहा कि यह सूची सुप्रीम कोर्ट की ओर से विशेष अनुमति याचिका पर 28 अगस्त को पारित आदेश के अनुसार प्रकाशित की गई है. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुरूप पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त विद्यालयों के नौकरी गंवा चुके 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों में ये 1,804 दागी उम्मीदवार भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पूरी चयन प्रक्रिया को दूषित पाया था.