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एक्सरसाइज करते वक्त अब नहीं होंगे बोर, पीक एंड रूल बना लिया तो खूब आएगा मजा

अक्सर लोग फिटनेस की शुरुआत तो जोश के साथ करते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में बोर होकर छोड़ देते हैं. खासतौर पर जब जिम या होम वर्कआउट एक जैसे लगने लगते हैं. लेकिन अब इस बोरियत से छुटकारा पाने का एक स्मार्ट तरीका सामने आया है, जिसे कहा जाता है. ‘पीक एंड रूल (Peak-End Rule)’. ये साइकोलॉजी पर आधारित एक सिंपल थ्योरी है, जो आपके वर्कआउट एक्सपीरियंस को मजेदार बना सकती है.

क्या है ‘पीक एंड रूल’?

‘पीक एंड रूल’ एक साइकोलॉजिकल कॉन्सेप्ट है, जिसमें कहा जाता है कि कोई भी अनुभव हमें कितना अच्छा या बुरा लगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि उस अनुभव का सबसे अच्छा (या खराब) हिस्सा और अंत (End) कैसा था. यानी, अगर आपकी एक्सरसाइज का सबसे बढ़िया मोमेंट और आखिरी कुछ मिनट अच्छे और पॉजिटिव होंगे, तो पूरा वर्कआउट आपको अच्छा लगेगा भले ही बीच में थोड़ी मेहनत ज्यादा लगी हो.

इस रूल का वर्कआउट में कैसे करें इस्तेमाल?

पीक मोमेंट बनाएं- अपने वर्कआउट का सबसे मजेदार या एनर्जेटिक हिस्सा बीच में रखें. जैसे, कोई पसंदीदा सॉन्ग पर कार्डियो, हिट मूवमेंट, या ऐसा एक्सरसाइज जो आपको सबसे ज्यादा पसंद हो.

अंत में पॉजिटिव एंडिंग- एक्सरसाइज के आखिरी कुछ मिनट को रिलैक्सिंग और पॉजिटिव बनाएं. स्ट्रेचिंग, डीप ब्रीदिंग, या शांत म्यूजिक के साथ कूल डाउन करें ताकि एक अच्छा फील लेकर आप वर्कआउट खत्म करें.

फिटनेस जर्नल या सेल्फी-  वर्कआउट के बाद खुद को एक छोटा सा रिवार्ड दें  जैसे कि मिरर में खुद की फोटो लेना, एक लाइन की तारीफ लिखना या किसी फ्रेंड को शेयर करना कि आपने आज का सेशन पूरा किया.

क्या होगा फायदा?

  • बोरियत कम होगी और मोटिवेशन बढ़ेगा
  • हर सेशन के बाद पॉजिटिव फीलिंग बनेगी
  • एक्सरसाइज को छोड़ने का मन नहीं करेगा
  • आपका ब्रेन हर सेशन को एक अच्छा अनुभव मानेगा

एक्सपर्ट क्या कहते हैं

क्रिसटॉफ़र बर्गलैंड, जो एक रिटायर्ड अल्ट्रा‑एंड्यूरेंस एथलीट एवं साइंस राइटर हैं, उन्होंने “Peak–End Rule” के ज़रिए एक्सरसाइज को ज़्यादा यादगार और प्रेरक बनाने का मजेदार तरीका अपने आर्टिकल में साझा किया है. वे बताते हैं कि वर्कआउट के सबसे शानदार (peak) पल और उसके आखिरी पॉजिटिव लम्हे ही हमें वर्कआउट के प्रति जुड़े रहने में सबसे ज़्यादा मदद करते हैं. भले ही बीच के सेशन थोड़े मुश्किल हों। अगर आप अपने सेशन का मज़ा उस ज़बर्दस्त ऊर्जा वाले peak और सुखद अंत में “टैग” कर देते हैं, तो आपका दिमाग पूरे एक्सपीरियंस को पॉजिटिव याद करता है, जिससे आगे सेशन करने की इच्छा बढ़ जाती है

वर्कआउट सिर्फ बॉडी के लिए नहीं, दिमाग के लिए भी होता है. अगर आप ‘पीक एंड रूल’ को अपनाते हैं, तो एक्सरसाइज अब आपको थकाएगी नहीं, बल्कि आपको एनर्जी, खुशी और मोटिवेशन देगी. अगली बार जब आप जिम जाएं या घर पर एक्सरसाइज करें, तो इस फॉर्मूले को ज़रूर आजमाएं  और फर्क खुद महसूस करें.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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