‘जब मैं निकलूं दिखाई न दें ये गाड़ियां’, मराठा आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सख्त…

मुंबई के आजाद मैदान में आमरण अनशन जारी रखने पर मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रशेखर ने सख्त निर्देश दिया कि जब वह कोर्ट से निकलें तो रास्ता साफ हो जाना चाहिए. कोर्ट ने तीन बजे से पहले मैदान खाली करने का निर्देश दिया. कोर्ट को बताया गया था कि आंदोलन में करीब पांच हजार गाड़ियां पहुंच गई हैं.
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने आंदोलन की वजह से लोगों को हो रही परेशानी को लेकर नाराजगी जताई. मराठा समुदाय के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि आंदोलन में करीब पांच हजार गाड़ियां पहुंच चुकी हैं, लेकिन 500 लोगों के रुकने तक की व्यवस्था नहीं है. इस पर चीफ जस्टिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, ‘सड़कों पर जज के चलने की भी जगह नहीं है. हालात सामान्य करें वरना सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
चीफ जस्टिस चंद्रशेखर ने सख्त लहजे में कहा कि इस मामले को ऐसे ही छोड़ा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि तीन बजे के बाद की इजाजत नहीं है. उन्होंने सरकार को कड़े निर्देश देते हुए कहा, ‘जब मैं कोर्ट से निकलूंगा, हमें ये गाड़ियां दिखाई नहीं देनी चाहिए. इसके लिए जो भी उचित और जरूरी कदम हों, उठाएं.‘ मराठा वकील ने कहा कि सिर्फ खाने पीने की गाड़ियां वहां हैं बाकी की गाड़ियां हटा दी गई हैं. उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि आदेश पारित करने से पहले थोड़ा सोचें.
मनोज जरांगे मराठा समाज आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में 4 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन के बीच मुंबई में जगह-जगह जाम की स्थिति देखी गई. इस स्थिति में मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे के प्रदर्शन को अनुमति देने से इनकार करते हुए आजाद मैदान खाली करने का नोटिस भेजा है.
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री पंकज भोयर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरकार की ओर से मनोज जरांगे और उनके साथियों को बार-बार रिक्वेस्ट की गई है कि आंदोलन से मुंबईवासियों को परेशानी न हो. मंत्री पंकज भोयर ने यह भी कहा कि मुझे विश्वास है मनोज जरांगे और उनके साथी सरकार के साथ चर्चा करके शांति का रास्ता निकालेंगे.