Grahan 2025 in India: प्रेग्नेंट महिला के लिए भारी रहेंगे आने वाले 15 दिन, पितृपक्ष के साथ डबल…

Grahan 2025: गर्भावस्था में पूरे 9 महीने तक महिला को खुद का और गर्भस्थ शिशु का ध्यान रखना पड़ता है. लेकिन आने वाले 15 दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत रहेगी, क्योंकि 7 सितंबर से 21 सितंबर 2025 तक का समय गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही भारी यानी संवेदनशील रहने वाले हैं.
इसका कारण यह है कि 7 सितंबर से 21 सितंबर तक पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) चलेंगे. वहीं 7 सितंबर को ही पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा और 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का साया रहने वाला है. पितृ पक्ष और ग्रहण ऐसा समय होता है, जब खासकर गर्भवती महिला को सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि इस दौरान की गई जरा सी भी चूक से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए पूरे एक पक्ष यानी भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima 2025) से लेकर आश्विन अमावस्या तक गर्भवती महिलाएं कुछ बातों का ध्यान रखें और इन नियमों का पालन करें.
पितृ पक्ष के कर्म कांड से दूर रहे गर्भवती महिला
गर्भवती महिला को श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण जैसे कर्म कांड में भाग नहीं लेना चाहिए.
पितृ पक्ष के 15 दिनों में गर्भवती महिला को तामसिक भोजन के बजाय शुद्ध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए.
श्राद्ध में बनने वाला भोजन गर्भवती महिला को ना ही छूना चाहिए और ना ग्रहण करना चाहिए.
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला पिंडदान वाले स्थानों पर भी जाने से बचें
डबल ग्रहण के प्रभाव से कैसे बचें
एक पक्ष (15 दिन) में दो-दो ग्रहण लगना ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता है.
लेकिन खासकर गर्भवती महिला को इस समय कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए.
ग्रहण के समय प्रेग्नेंट महिला को सूर्य और चंद्र ग्रहण की प्रतिकूल ऊर्जा से बचना चाहिए.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला नुकीली चीजों के प्रयोग न करें और ना ही बाहर निकलें.
जितने समय तक ग्रहण का प्रभाव रहे, तब तक पेट पर गेरु लगाकर रखें और ग्रहण खत्म होते ही स्नान करें.
ये भी पढ़ें: पीतल के बर्तनों को क्यों माना जाता है पवित्र, किस काम में कर सकते हैं यूज
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.