रॉबिन उथप्पा का बड़ा खुलासा, बताया किस वजह से विराट कोहली के साथ रिश्ते में आई दरार

विराट कोहली के साथ भारतीय क्रिकेट टीम में ड्रेसिंग रूम शेयर कर चुके रॉबिन उथप्पा ने एक पॉडकास्ट में बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कैसे अनजाने में उनके और कोहली के बीच रिश्ते में दरार आ गई थी. बता दें कि दोनों आईपीएल में कई मैच एक दूसरे के खिलाफ भी खेल चुके हैं. दरअसल एक इंटरव्यू में उथप्पा ने कोहली की कप्तानी को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप में अंबाती रायुडू को शामिल नहीं करने की आलोचना की थी.
विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम 2019 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जहां न्यूजीलैंड से हारकर बाहर हो गई थी. 2019 वर्ल्ड कप से पहले अंबाती रायुडू को चौथे नंबर के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा था, जिनका प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा था. हालांकि चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना और उनकी जगह विजय शंकर को जगह दी. उस पॉडकास्ट में उथप्पा ने अंबाती रायुडू के साथ युवराज सिंह को भी सही से नहीं संभलाने को लेकर कोहली की कप्तानी की आलोचना की थी, जिन्होंने (युवराज) बाद में बिना फेयरवेल मैच खेले रिटायरमेंट ले ली थी.
मुझे पहले विराट कोहली से बात करनी चाहिए थी- उथप्पा
अब रॉबिन उथप्पा ने यूट्यूब चैनल पर इसको लेकर कहा कि उस बातचीत का उद्देश्य उन पर था न कि विराट कोहली पर. उन्होंने बताया कि बावजूद इसके उनकी टिप्पणियों ने विराट कोहली के साथ रिश्ते में दरार पैदा कर दी.
उथप्पा ने कहा, “उस पूरी बातचीत में मेरा इरादा विराट कोहली पर बात करने का नहीं था, बल्कि वह इंटरव्यू तो मेरे बारे में था. मुझसे एक सवाल पूछा गया था और मैंने सिर्फ उसका जवाब दिया. मैंने उस समय विराट की भावनाओं या इस फैक्ट पर ध्यान नहीं दिया, चाहे मैं ऐसा ही मानता हूं, उन्हें पता होना चाहिए था कि मैं क्या मानता हूं. विराट कोहली के साथ मेरी दोस्ती पर इसका असर पड़ा. मैंने ये देखा. जब मैंने उनसे इस बारे में बात की तो मुझे एहसास हुआ कि मुझे उनसे पहले बात करनी चाहिए थी.”
उथप्पा ने ये माना कि बेशक उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन बाद में उन्हें ये भी एहसास हो गया था कि उन्हें निजी तौर पर पहले विराट कोहली से बात कर लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें बहुत बड़ी सीख मिली.
रॉबिन उथप्पा ने कहा, “मैंने विराट कोहली के साथ अपने अनुभव के बारे में बात नहीं की. जो मैंने अपने करीबी दोस्त कोहली के नेतृत्व में देखा, उसके बारे में बात की. ये उनका नेतृत्व भी नहीं था बल्कि नेतृत्व की शैली थी. हर किसी को अपने लीडरशिप स्टाइल को रखने का अधिकार है, और हर किसी को अपनी राय रखना का भी अधिकार है. मुझे लगा कि उनके बारे में नेशनल टेलीविज़न पर बात करने से पहले मुझे उनसे भी इस बारे में बात करनी चाहिए थी. मुझे लगता है कि हमें क्रिकेटर या उससे जुड़े लोगों के प्रति यही संवेदनशीलता दिखानी चाहिए.”