Kim Jong Un Train: कैसी है वो ट्रेन जिसे लेकर चीन पहुंचा तानाशाह किम जोंग उन, बम-गोला सब बेअसर,…

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन चीन पहुंच गए हैं. वे बीजिंग में आयोजित होने वाली विशाल सैन्य परेड में हिस्सा लेंगे और इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि किम जोंग उन ने हवाई जहाज के बजाय अपनी मशहूर हरी रंग की बख्तरबंद ट्रेन सनशाइन से यात्रा की. वह सोमवार (1 सितंबर 2025) की शाम को प्योंगयांग से रवाना हुए और करीब 20 घंटे के सफर के बाद मंगलवार (2 सितंबर 2025) को बीजिंग पहुंचे.
दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक किम की ट्रेन एक चलता-फिरता किला है. यह ट्रेन इतनी मजबूत है कि गोली और बम का भी असर इस पर नहीं होता. हालांकि इसकी स्पीड केवल 60 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो हवाई जहाज की तुलना में बेहद धीमी है.
ट्रेन में सुविधाएं किसी लग्जरी होटल से कम नहीं
किम जोंग उन की बख्तरबंद ट्रेन सनशाइन में मौजूद सुविधाएं किसी लग्जरी होटल से कम नहीं है. इसमें शानदार आरामदायक शयनकक्ष है. एक मीटिंग रूम है, जिसमें लाल-गुलाबी चमड़े की कुर्सियां लगी हुई है. इसके अलावा दीवारों पर सजावटी लाइटिंग, रेस्टोरेंट कोच और सुरक्षा के लिए खास सिस्टम और संपर्क सुविधाएं हैं. कहा जाता है कि किम अपनी ट्रेन के 10 से 15 डिब्बों के साथ सफर करते हैं. किस डिब्बे में वे मौजूद हैं, इसकी जानकारी केवल गिने-चुने लोगों को होती है. उनके साथ हमेशा डॉक्टरों की टीम और बुलेटप्रूफ कारें भी रहती हैं.
ट्रेन यात्रा की परंपरा
किम जोंग उन की यह आदत नई नहीं है. उनके पिता किम जोंग-इल को हवाई जहाज से डर था, इसलिए उन्होंने हमेशा लंबी दूरी की यात्रा ट्रेन से की. यही परंपरा अब किम जोंग उन ने भी आगे बढ़ाई है. साल 2019 में हनोई में डोनाल्ड ट्रंप से शिखर वार्ता के लिए उन्होंने चीन के रास्ते 4,500 किलोमीटर ट्रेन यात्रा की थी, जो ढाई दिन तक चली. ट्रेन में उनकी टेबल पर अक्सर सोने से जड़ा लैपटॉप, खास सिगरेट बॉक्स और कई फोन रखे रहते हैं. खिड़कियों पर नीले और सुनहरे रंग के पर्दे लगे होते हैं. हालांकि किम हवाई यात्रा से डरते नहीं हैं. 2018 में सिंगापुर में ट्रंप के साथ हुई पहली शिखर वार्ता के लिए उन्होंने विमान से यात्रा की थी.
बीजिंग में ऐतिहासिक उपस्थिति
किम जोंग उन इस बार उन 26 विश्व नेताओं में शामिल होंगे, जो बीजिंग की सैन्य परेड में हिस्सा लेंगे. यह किम की किसी बड़े बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में पहली उपस्थिति होगी. रूस, चीन और उत्तर कोरिया के शीर्ष नेताओं का ये मुलाकात न केवल कूटनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में नए समीकरणों का संकेत भी हो सकता है.
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