भारत को आंख दिखा रहा श्रीलंका? अचानक कच्चाथीवू द्वीप पहुंचे राष्ट्रपति दिसानायके, जानें क्या है…

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने विवादित कच्चाथीवू द्वीप पर पहुंचकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. वे सोमवार (1 सितंबर) को कुछ प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन के लिए जाफना गए थे, लेकिन फिर अचानक कच्छाथीवू द्वीप पहुंचने का प्लान बना लिया. भारत और श्रीलंका के बीच इस द्वीप को लेकर लंबे वक्त से विवाद चल रहे है. एक्टर विजय ने राजनीति में एंट्री लेने के बाद कच्चाथीवू का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि भारत को श्रीलंका से यह द्वीप वापस ले लेना चाहिए.
श्रीलंकाई पत्रकार अज्जाम अमीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है. इसमें उन्होंने राष्ट्रपति दिसानायके की तस्वीर शेयर की है. वे नौसेना के जवानों के साथ बोट में बैठे हुए नजर आ रहे हैं. अमीन ने पोस्ट के जरिए बताया कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति दिसानायके कच्चाथीवू द्वीप पर गए थे. वे इससे पहले जाफना में प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे.
Sri Lanka President Anura Kumara Dissanayake visited Kachchatheevu Island today after inaugurating projects in Jaffna, reaffirming the government’s commitment to safeguard Sri Lanka’s territory pic.twitter.com/lkz9ZYBAPW
— Azzam Ameen (@AzzamAmeen) September 1, 2025
भारत-श्रीलंका के बीच लंबे वक्त से चल रहा विवाद
भारत और श्रीलंका के बीच कच्चाथीवू द्वीप को लेकर लंबे वक्त से विवाद चल रहा है. इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय मछुआरों पर पड़ा है, जिन्हें मछली पकड़ते वक्त श्रीलंकाई नौसेना कई बार गिरफ्तार कर चुकी है. भारतीय मछुआरों को गिरफ्तारी के बाद टॉर्चर भी किया जाता है. अब श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने द्वीप का दौरा करके दक्षिण में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है.
1974 और 1976 में कच्चाथीवू द्वीप को लेकर क्या हुआ था समझौता
- 1974 का समझौता: भारत ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कच्चतीवु को श्रीलंका का हिस्सा स्वीकार किया. भारतीय मछुआरों को वहां मछली पकड़ने, जाल सुखाने और सेंट एंथनी चर्च के उत्सव में शामिल होने की अनुमति मिली.
- 1976 का समझौता: दोनों देशों के मछुआरों को एक-दूसरे के समुद्री क्षेत्र में मछली पकड़ने पर रोक लगी, जिससे भारतीय मछुआरों की दिक्कत बढ़ गई.
- मौजूद समय की स्थिति: अगर भारतीय मछुआरे सीमा पार करते हैं तो श्रीलंकाई नौसेना उन्हें गिरफ्तार कर लेती है. इसके साथ ही नाव भी जब्त कर लेती है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में कुल 535 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया था.