अब विदेशी नागरिकों पर होगी कड़ी निगरानी, 1 सितंबर से लागू हो गए हैं ये नियम

इमीग्रेशन एंड फारेनर एक्ट 2025 के नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. यह बिल अप्रैल 2025 में संसद में पारित हुआ था. इस बिल के तहत ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को विदेशी नागरिकों की भारत में स्क्रूटनी और उन पर कार्रवाई के कानूनी अधिकार दिए गए हैं. नियमों का उल्लंघन कर भारत में आए विदेशी नागरिकों को तुरंत डिपोर्ट करने के लिए ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के पास संवैधानिक अधिकार होगा और वह संबंधित राज्यों से कोआर्डिनेट करेगा.
इन नियमों के तहत अवैध तरीके से जिस संस्थान में चाहे वह होटल हो शिक्षण संस्थान हो या फिर और कुछ भी वहां विदेशी नागरिकों की आवाजाही हो तत्काल प्रभाव से उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जाएगा. विदेशी नागरिकों का राज्य डेटाबेस बरकरार रखेगी. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को समय समय पर विदेशी यात्री के बारे में संबंधित जानकारी देती रहेंगी.
भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशी नागरिक
भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशी नागरिक जो कि भारतीय वीज़ा और पासपोर्ट की मदद से भारत में रहते हैं उन पर लगाम कसने के लिए यह बिल संसद में लाया गया था. गृह मंत्रालय ने इसका नोटिफिकेशन जारी किया है और तत्काल प्रभाव से यह नियम लागू होंगे.
भारत में आने वाले विदेशियों के लिए शर्त
भारत में आने वाले विदेशियों के लिए आप्रवास केंद्र पर रिपोर्ट करने की शर्तें और इससे संबंधित तरीके बताए गए हैं. नियमानुसार भारत में आगमन पर प्रत्येक विदेशी को आप्रवास केंद्र पर अपना पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज, वीजा या भारत का विदेशी नागरिक कार्ड या इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार पेश करना होगा. इसका मकसद नाम, राष्ट्रीयता, आयु, लिंग और जन्म स्थान का सत्यापन करना होगा और जब आप्रवास अधिकारी की तरफ से मांग की जाएगी तो उसे भारत में पता या इच्छित पता, यात्रा का उद्देश्य और भारत में रहने की प्रस्तावित अवधि या कोई अन्य सुसंगत जानकारी देनी होगी.
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