AI chatbots become mental health friends of GenZ | AI चैटबॉट्स बने GenZ के मेंटल हेल्थ फ्रेंड -…

एआई तेजी से हर फील्ड में अपना प्रभाव दिखा रहा है। अब मेंटल हेल्थ में भी यह मददगार बन रहा है। युवाओं की बात करें तो 30 साल से कम उम्र वाले सबसे ज्यादा मेंटल हेल्थ की परेशानी से जूझ रहे हैं। वहीं अब राहत पाने के लिए AI चैटबॉट्स और टूल्स का सहारा ले रहे
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तेज रफ्तार जिंदगी, बढ़ता स्ट्रेस और सोशल मीडिया के दबाव में डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी समस्याएं खासकर GenZ में तेजी से बढ़ रही हैं। इस बीच महंगी थेरेपी, विशेषज्ञों की कमी और ‘लोग क्या कहेंगे’ के डर से मदद लेना उनके लिए आसान नहीं है। ऐसे में एआई टूल्स 24×7 उपलब्ध होने, फ्री होने और बिना किसी जजमेंट के बात सुनते है।
अमेरिका में हाल ही चैटजीपीटी की वजह से एक बच्चे की सुसाइड का मामला सामने आया है। जिसने यह सवाल खड़ा कर दिया कि इन टूल्स पर भरोसा कितना किया जाए। एडम राइन (16) ने चैटजीपीटी का इस्तेमाल होमवर्क के लिए करना शुरू किया, लेकिन धीरे-धीरे वह उससे मानसिक परेशानियां भी साझा करने लगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये टूल रोज़मर्रा के स्ट्रेस को बैलेंस करने में मददगार जरूर हैं, लेकिन गंभीर लक्षण होने पर साइकैट्रिस्ट की सलाह लेना जरूरी है। इस मुद्दे पर एक्सपर्ट से बात की।
साथी की तरह इस्तेमाल करें; AI चैटबॉट्स को थेरेपिस्ट नहीं, बल्कि साथी की तरह इस्तेमाल करें। ये डेली स्ट्रेस, हल्के डिप्रेशन, नेगेटिव थॉट्स, वर्क प्रेशर और एंग्जाइटी में मददगार हैं, लेकिन लगातार नींद न आना, घबराहट, निगेटिव थॉट्स या सुसाइडल आइडियाज होने पर पर्सनल कंसल्टेशन और साइकैट्रिस्ट से इलाज जरूरी है। कई समस्याएं सिर्फ ऑब्जर्वेशन से पकड़ में आती हैं, जिन्हें AI नहीं पहचान सकता।-मनोचिकित्सा केंद्र जयपुर के सुपरिंटेंडेंट डॉ. ललित बत्रा, साइकैट्रिस्ट डॉ. अदिति अग्रवाल, मेंटल हेल्थ एक्टिविस्ट भूपेश दीक्षित
सरकार ठोस नीति बनाए; कई एआई टूल्स इंसानों की तरह बातचीत करते हैं, जिससे सेंसिटिव मुद्दों पर गलत दिशा में जाने का खतरा रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ठोस नीति बनाकर ऐसे टूल्स में सुरक्षा फ़िल्टर और SOS अलर्ट अनिवार्य करने चाहिए। -रिशांक शर्मा, एआई एक्सपर्ट
एआई टूल्स
Wysa : फ्री वर्जन उपलब्ध, प्रीमियम 599 रुपए प्रति माह। Infiheal : 2.5 लाख से ज्यादा यूजर्स। शुरुआती चैट फ्री, फिर 59-249 रुपए के पेड प्लान। Inner House : इंडियन फैमिली कल्चर को समझकर बातचीत करता है। अन्य टूल्स : Tess, Inaya, Earkick, ChatGPT
(मेंटल स्टेट ऑफ द वर्ल्ड रिपोर्ट के मुताबिक)
स्टूडेंट्स के अनुभव
भारत सबसे ज्यादा मेंटल डिस्ट्रेस देशों में
}1 लाख लोगों पर 0.75 साइकैट्रिस्ट हैं, WHO गाइडलाइंस के अनुसार 3 होने चाहिए।
}1 से 7 हजार तक एक थेरेपी सेशन का खर्चा।
}Wysa पर 10 लाख भारतीय यूजर हैं, जिनमें से 70% महिलाएं।
}30 साल से कम उम्र के आधे यूजर, करीब 40% यूजर टियर-2 और टियर-3 शहरों से।
}966 दिनों में 24.25 लाख कॉल मेंटल हेल्थ पोर्टल टेलीमानस पर आ चुके।
}कॉल करने वाले शहरों में यूपी पहले नंबर पर है, जबकि राजस्थान 12वे नंबर पर है।
}कॉल करने वालों में 31-60 उम्र के लोग शामिल हैं।
-साक्षी अग्रवाल (17), स्कूल स्टूडेंट
-करण मेहता (22), MBA स्टूडेंट
-रिया शर्मा (19), कॉलेज स्टूडेंट
-अंशुल जैन (24), IT इंजीनियरिंग
Mental Health
AI टूल्स से टाइम मैनेजमेंट, पॉजिटिव थिंकिंग और स्ट्रेस कंट्रोल आसान