Ashtalakshmi: मां लक्ष्मी के 8 दिव्य स्वरूप जो बदल देंगे जीवन! धन, सुख, और सफलता के लिए जानें…

Ashtalakshmi Importance: मां लक्ष्मी मात्र धन की देवी ही नहीं अपितु वह तो सौभाग्य, शांति और जीवन को संतुलन भी प्रदान करती हैं. उनकी चार भुजाएं धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक है. मां लक्ष्मी के आठ दिव्य स्वरूप हैं, जो जीवन के कई क्षेत्रों में सुख-सुविधा और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं.
शास्त्रों में इनकी पूजा का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं मा लक्ष्मी के अष्ट स्वरूपों के बारे में.
अष्टलक्ष्मी के 8 स्वरूप और उनका महत्व
आदि लक्ष्मी (Adi Lakshmi)
मां लक्ष्मी का मूल स्वरूप आदि लक्ष्मी हैं, जो सृष्टि की आदि शक्ति भी हैं. वेदों में कहा गया है कि आदिलक्ष्मी की पूजा-आराधना से साधक में स्थिरता, वैराग्य और आध्यात्मिकता की शक्ति प्राप्त होती है.
धन लक्ष्मी (Dhana Lakshmi)
मां लक्ष्मी का दूसरा स्वरूप धन लक्ष्मी हैं, जो धन, सुख, वैभव और भौतिक सुख-संपदा की देवी हैं. पद्मपुराण और लक्ष्मी तंत्र के मुताबिक इनकी कृपा से जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.
धान्य लक्ष्मी (Dhanya Lakshmi)
मां लक्ष्मी का धान्य स्वरूप अन्न और अन्नदाता का प्रतीक हैं. अथर्ववेद और विष्णु पुराण के मुताबिक अन्न को ब्रह्म स्वरूप कहा गया है. धान्य लक्ष्मी की कृपा से अन्न-समृद्धि और परिवार का पोषण होता है.
गज लक्ष्मी (Gaja Lakshmi)
गज लक्ष्मी मां लक्ष्मी का वो स्वरूप जो ऐश्वर्य, कीर्ति और राजसुख प्रदान करता है. हरिवंश पुराण और श्रीमद्भागवत में गजलक्ष्मी का उल्लेख भी देखने को मिलता है. गजलक्ष्मी की पूजा सामाजिक सम्मान, यश और विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है.
संतान लक्ष्मी (Santana Lakshmi)
मां लक्ष्मी का संतान स्वरूप संतान की सुख, वंशवृद्धि और रक्षा का प्रतीक माना जाता है. स्कंद पुराण में संतति लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व बताया गया है.
वीर लक्ष्मी (Veera Lakshmi)
मां लक्ष्मी का वीर स्वरूप धैर्य और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है. धर्मयुद्ध और कठिन परिस्थितियों में वीर लक्ष्मी शक्ति और साहस प्रदान करती हैं. महाभारत काल में वीर लक्ष्मी का उल्लेख देखने को मिलता है. उनकी कृपा से धर्म की विजय होती है.
विद्या लक्ष्मी (Vidhya Lakshmi)
विद्या लक्ष्मी ज्ञान, शिक्षा, कला और विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं. देवी भागवत और वेदों में विद्या लक्ष्मी की स्तुति की जाती है. विद्यार्थियों और विद्वानों में इनकी पूजा का काफी महत्व बताया गया है.
विजय लक्ष्मी (Vijaya Lakshmi)
विजय लक्ष्मी जीवन के हर क्षेत्र में सफलता, विजय और मंगल का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक विजय लक्ष्मी की कृपा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होने के साथ कार्य में सिद्धि भी प्राप्त होती है.
अष्ट लक्ष्मी स्वरूप का धार्मिक महत्व
- अष्टलक्ष्मी जी की पूजा विशेष तौर पर दीपावली, व्रत त्योहारों पर की जाती है.
- लक्ष्मी तंत्र, देवी भागवत पुराण और पद्म पुराण में अष्टलक्ष्मी के स्वरूपों की आराधना करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं.
- इनकी पूजा और उपासना करने से व्यक्ति धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों को प्राप्त होता है.
- अष्ट लक्ष्मी धन, अन्न, विद्या, साहस, संतान, विजय, धैर्य और राज का प्रतीक है.
- मां लक्ष्मी का प्रेम सच्चे कर्मों में है. साफ-सफाई, सेवा, दीप और भक्ति मां को यही सबसे प्रिय है.
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