NPCI UPI Payments Rules Update | P2P Collect Requests | UPI से पैसे मांगने की रिक्वेस्ट नहीं…

नई दिल्ली2 दिन पहले
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जुलाई 2025 में UPI ने टोटल 19.4 बिलियन ट्रांजेक्शन प्रोसेस किए, जिनमें 7 बिलियन P2P ट्रांजेक्शन थे।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने 1 अक्टूबर 2025 से UPI में पीयर-टू-पीयर (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट को पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब है कि अब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से UPI के जरिए पैसे मांगने की रिक्वेस्ट नहीं भेज सकेगा।
NPCI P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट पर रोक क्यों लगा रहा है, P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट क्या होती है? सवाल-जवाब में पूरी खबर समझें…
सवाल: P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट क्या होती है?
जवाब: P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट या ‘पुल ट्रांजेक्शन’ एक ऐसी सुविधा है, जिसमें UPI यूजर किसी दूसरे यूजर से पैसे मांगने के लिए रिक्वेस्ट भेजता है। रिक्वेस्ट मिलने पर पैसे देने वाला व्यक्ति अपने UPI पिन के जरिए पेमेंट को मंजूरी देता है।
सवाल: NPCI ने यह कदम क्यों उठाया है?
जवाब: इस फीचर का दुरुपयोग कर धोखेबाज लोग UPI यूजर्स को ठग रहे थे। वे अनजान रिक्वेस्ट भेजकर लोगों को गलती से पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते थे। बढ़ते साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए NPCI ने यह फैसला लिया है।
सवाल: क्या यह रोक सभी के लिए लागू होगी?
जवाब: नहीं, यह रोक सिर्फ P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट पर है, यानी व्यक्तिगत यूजर्स के बीच। मर्चेंट्स (जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्विगी, या IRCTC) अभी भी वैध बिजनेस के लिए कलेक्ट रिक्वेस्ट का इस्तेमाल कर सकेंगे, बशर्ते यूजर पेमेंट को मंजूरी दे।
सवाल: इस बदलाव को लागू करने की समय सीमा क्या है?
जवाब: NPCI ने सभी बैंकों और UPI एप्स को 1 अक्टूबर 2025 तक P2P कलेक्ट ट्रांजेक्शन शुरू करने, रूट करने या प्रोसेस करने से रोकने का निर्देश दिया है।
सवाल: क्या UPI के अन्य फीचर्स पर भी कोई बदलाव होगा?
जवाब: अभी इस निर्देश में सिर्फ P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट को बंद करने की बात है। UPI के पुश ट्रांजेक्शन (जैसे QR कोड स्कैन या UPI ID से पेमेंट) और अन्य फीचर्स सामान्य रूप से काम करते रहेंगे।
सवाल: P2P कलेक्ट रिक्वेस्ट की क्या सीमाएं थीं?
जवाब: अभी इस फीचर में प्रति ट्रांजेक्शन 2,000 रुपए की सीमा है और एक दिन में अधिकतम 50 सफल क्रेडिट ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं।
सवाल: पहले भी इस फीचर से जुड़े फ्रॉड हुए हैं?
जवाब: हां, UPI के शुरुआती दिनों में कलेक्ट रिक्वेस्ट के जरिए फ्रॉड के मामले आम थे। 2,000 रुपए की सीमा लागू होने के बाद ये मामले कम हुए, लेकिन साइबर क्राइम बढ़ने के कारण NPCI ने अब इसे पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है।
सवाल: इस बदलाव से आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
जवाब: पहले लोग इस फीचर का इस्तेमाल दोस्तों से छोटे-मोटे पैसे मांगने या ग्रुप आउटिंग के खर्च बांटने के लिए करते थे। अब यह सुविधा नहीं रहेगी, लेकिन UPI में स्प्लिट पेमेंट जैसे नए ऑप्शन अवेलेबल हैं, जो इस कमी को पूरा कर सकते हैं।
सवाल: क्या छोटे दुकानदारों पर भी असर पड़ेगा?
जवाब: छोटे दुकानदार जो व्यक्तिगत खातों के जरिए कलेक्ट रिक्वेस्ट भेजते थे, अब मर्चेंट खातों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मर्चेंट ट्रांजेक्शन के लिए अलग नियम हैं।
सवाल: UPI की लोकप्रियता कितनी है?
जवाब: UPI भारत का सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम है। यह हर महीने करीब 20 बिलियन ट्रांजेक्शन प्रोसेस करता है, जिनकी वैल्यू लगभग 25 लाख करोड़ रुपए है। देश में करीब 40 करोड़ यूनिक UPI यूजर्स हैं।
सवाल: हाल के दिनों में पेमेंट फ्रॉड की स्थिति क्या है?
जवाब: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेटा के अनुसार, FY25 में पेमेंट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े 29 हजार फ्रॉड केस सामने आए, जिनमें 1,457 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यह पिछले साल की तुलना में दोगुना है, जब 13,516 केस में 520 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
सवाल: जुलाई 2025 में UPI ट्रांजेक्शन का आंकड़ा क्या था?
जवाब: जुलाई 2025 में UPI ने टोटल 19.4 बिलियन ट्रांजेक्शन प्रोसेस किए, जिनमें 7 बिलियन P2P ट्रांजेक्शन थे। यह पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, जुलाई 2024 में टोटल 14 बिलियन ट्रांजेक्शन में 5 बिलियन P2P थे।