ICICI Bank Minimum Balance Limit; Savings Account | RBI Rule | ICICI बैंक ने मिनिमम बैलेंस…

नई दिल्ली1 दिन पहले
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ICICI बैंक ने खाताधारकों को राहत देते हुए मिनिमम बैंलेंस को घटाकर 15 हजार कर दिया है। इससे पहले कंपनी ने ग्राहकों को कम से कम 50 हजार रुपए का मिनिमम बैंलेंस मेंटेन करने को कहा था।
नए आदेश के मुताबिक, सेमी-अर्बन (छोटे शहरों) में ये लिमिट ₹7,500 और ग्रामीण क्षेत्रों में अब पहले की तरह ₹2,500 रहेगी। इससे कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को पेनल्टी देनी पड़ सकती है। नया नियम 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए नए खातों पर लागू होगा।
वहीं, मंगलवार को RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सेविंग अकाउंट में कम से कम कितना पैसा रखना है, इसका फैसला बैंक करते हैं, RBI की इसमें कोई भागीदारी नहीं होती है। गुजरात में फाइनेंशियल इन्क्लूजन से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने ये बात कही।
ICICI ने पहले मिनिमम बैलेंस ₹50,000 किया था
ICICI ने 4 दिन पहले आदेश जारी करते हुए कहा था कि बैंक के खाताधारकों को अब अपने अकाउंट में 50 हजार रुपए का मिनिमम बैंलेंस मेंटेन करना होगा। इससे कम बैलेंस होने पर ग्राहकों को पेनल्टी देनी पड़ सकती है।
खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा शहरों, गावों और मेट्रो सिटीज में अलग-अलग थी, बैंक ने सभी में इजाफा किया था। मेट्रो और शहरी इलाकों में कम से कम 50,000 रुपए, सेमी-अर्बन (अर्ध-शहरी) इलाकों में 25,000 रुपए और गांवों में खुले खातों के लिए यह लिमिट 10,000 रुपए की गई थी।
2015 के बाद पहली बार बैंक ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट बढ़ाई
इससे पहले मेट्रो और शहरी इलाके में कम से कम 10 हजार रुपए, सेमी-अर्बन में 5000 रुपए और गांवों के ब्रांच में कम से कम 2500 रुपए का औसतन मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत पड़ती थी।
मिनिमम अकाउंट बैलेंस की लिमिट में इस बढ़ोतरी के साथ घरेलू बैंकों में सबसे ज्यादा मिनिमम अकाउंट बैलेंस (MAB) रखने की लिमिट अब ICICI का हो गया है। बैंक ने 10 साल बाद मिनिमम बैलेंस लिमिट में बदलाव किया है।
देश के 11 सरकारी बैंकों ने बीते 5 साल में सेविंग अकाउंट में मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर ग्राहकों से करीब 9,000 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूली है…
देश के टॉप बैंकों में मिनिमम बैलेंस और पेनल्टी के नियम
अगर आपके खाते में लगातार एक महीने तक तय मिनिमम बैलेंस से कम पैसा रहा तो आपको कमी का 6% चार्ज या 500 रुपए (जो कम हो) देना होगा। मान लीजिए, आपके खाते के लिए तय मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपए है। लेकिन किसी महीने आपने केवल 8000 मेंटेन किया यानी लिमिट से 2000 रुपए कम तो आपको कमी यानी ₹2000 का 6% यानी 120 रुपए पेनल्टी देना होगा।
हालांकि, भारतीय बैंकों में सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस की मेंटेन करने की जरूरतें अलग-अलग हैं। ये नियम बैंक, अकाउंट का टाइप, और खाता कहां किस जगह पर है (मेट्रो, शहरी, अर्ध-शहरी, ग्रामीण) के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।
1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
- मिनिमम बैलेंस: 2020 से सभी सेविंग अकाउंट्स के लिए कोई मिनिमम बैलेंस जरूरी नहीं।
- नियम: बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) और जन धन खाते जीरो-बैलेंस हैं। कोई पेनल्टी नहीं।
2. पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
- मिनिमम बैलेंस: जुलाई 2025 से कोई मिनिमम बैलेंस पेनल्टी नहीं।
- नियम: फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ावा देने के लिए जीरो-बैलेंस खाते उपलब्ध।
3. HDFC बैंक:
- मिनिमम बैलेंस: बड़े शहर: ₹10,000; छोटे शहर: ₹5,000; ग्रामीण: ₹2,500।
- नियम: पेनल्टी: ₹600 तक। अप्रैल 2025 से संभावित बढ़ोतरी।
4. एक्सिस बैंक:
- मिनिमम बैलेंस: बड़े शहर- ₹12,000; छोटे शहर: ₹5,000; ग्रामीण: ₹2,500।
- नियम: जीरो-बैलेंस खाते उपलब्ध। पेनल्टी: खाता प्रकार पर निर्भर।
5. बैंक ऑफ बड़ौदा
- मिनिमम बैलेंस: जुलाई 2025 से नॉर्मल सेविंग अकाउंट्स में कोई पेनल्टी नहीं। प्रीमियम खातों में ₹500–₹2,000 (स्थान के आधार पर)।
- नियम: कुछ खातों में जीरो-बैलेंस विकल्प उपलब्ध।
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ICICI बैंक का मुनाफा 15% बढ़कर ₹12,768 करोड़: पहली तिमाही में कमाई ₹51,452 करोड़ रही, बैंक का शेयर एक साल में 14% चढ़ा
ICICI बैंक ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2026) में कुल ₹51,452 करोड़ की कमाई की है। इस कमाई में से बैंक ने 32,706 करोड़ रुपए कर्मचारियों की सैलरी, बिजली बिल, डिपॉजिट जैसे कामों में खर्च किए।
इसके बाद बैंक के पास 12,768 करोड़ रुपए मुनाफा के रूप में बचा। एक साल पहले की समान अवधि में बैंक को 11,059 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। सालाना आधार यह 15.45% बढ़ा है।