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रूस से तेल खरीदते रहेंगे हम… ट्रंप के टैरिफ के बीच आया ONGC का बड़ा बयान

Oil and Natural Gas Corporation: अमेरिका ने भारत पर पहले लगाए गए 25 परसेंट के बेसलाइन टैरिफ को बढ़ाकर अब 50 परसेंट कर दिया है.  यह एक्स्ट्रा 25 परसेंट रूस से तेल की खरीद को लेकर पेनाल्टी के तौर पर लगाया गया है. हालांकि, इन सबके बीच सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने शुक्रवार को कहा कि वह रूस से तब तक तेल खरीदना जारी रखेगी, जब तक कि उन्हें ऐसा करना कमर्शियली सही लगता है.

ONGC के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह कहते हैं, अभी तक रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं है. जब तक सरकार कोई अन्य निर्णय नहीं लेती, हम खरीदना जारी रखेंगे. कंपनी ने यह भी कहा कि यदि ओएनजीसी को सही कीमत पर ऊर्जा परिसंपत्तियां मिलती हैं, तो वह विदेशों में भी उनका अधिग्रहण करने पर विचार करेगी. 

ONGC के चल रहे हैं 21 प्रोजेक्ट 

कंपनी की दो यूनिट- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स अपनी रिफाइनरियों के लिए नियमित रूप से रूस से तेल खरीदती हैं. इस बीच, कंपनी चालू वित्त वर्ष में अपने घरेलू उत्पादन को भी बढ़ाने की योजना बना रही है. मौजूदा समय में इसकी 21 परियोजनाएं चल रही हैं, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 66,000 करोड़ रुपये है. इनमें से नौ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट हैं और बाकी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हुए प्रोजेक्ट्स हैं. 

कंपनी को है निवेश के मौके की तलाश 

ओएनजीसी विदेश के मैनेजिंग डायरेक्टर राजर्षि गुप्ता ने भी पहले कहा था कि कंपनी अमेरिका में एलएनजी और अपस्ट्रीम परिसंपत्तियों में निवेश करने पर विचार कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिम एशिया सहित कई दूसरे देशों में और अधिक ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों की तलाश कर रही है.

उन्होंने लैटिन अमेरिका और अफ्रीका का नाम लेते हुए कहा, “हम अमेरिका में उपयुक्त परिसंपत्तियों की तलाश कर रहे हैं. रूस में हमारे तीन प्रोजेक्ट्स हैं, लेकिन हम अन्य भौगोलिक क्षेत्रों पर भी विचार कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि खनिजों से समृद्ध होने के कारण इन देशों में अपार संभावनाएँ हैं. उन्हें इस बात की उम्मीद है कि निकट भविष्य में कच्चे तेल की कीमतें लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी. 

यूक्रेन से जंग के बढ़ा रूस से बढ़ा आयात 

बता दें कि भारत और चीन ये दोनों देश रूस से तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं. रूस और यूक्रेन में जंग छिड़ने के बाद से भारत ने रूस से कच्चे तेल के आयात को और बढ़ा दिया है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जहां साल 2018 में भारत के कुल तेल आयात का लगभग 1.3 परसेंट रूस से आया. वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर लगभग 35 परसेंट हो गया. 

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