भारत-चीन के बीच कब तक शुरू हो सकती है सीधी उड़ानें, चीनी विदेश मंत्रालय ने किया खुलासा

चीन ने गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को कहा कि वह भारत के साथ इस सिलसिले में बातचीत कर रहा है कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें बहाल की जा सकें. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों देश पांच साल के अंतराल के बाद बहुत जल्द हवाई संपर्क फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान से जब उन खबरों के बारे में पूछा गया कि दोनों देशों की एयरलाइनों को उड़ानें संचालित करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है और 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमने संबद्ध खबरों पर गौर किया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ समय से, चीनी पक्ष दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें जल्द से जल्द बहाल करने के लिए भारत के साथ लगातार संपर्क में है.’’
शंघाई में भारतीय महावाणिज्य दूत ने दी जानकारी
शंघाई में भारतीय महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने गुरुवार (14 अगस्त, 2025) को चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिससे अटकलें तेज हो गईं. वाणिज्य दूतावास की ओर से एक्स पर पोस्ट में कहा गया कि माथुर ने चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की वैश्विक वरिष्ठ प्रबंधन टीम के साथ मुलाकात की, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ जीएम ग्लोबल (महाप्रबंधक वैश्विक) शेन जिनसोंग ने किया तथा क्षेत्र में नागरिक उड्डयन और आतिथ्य क्षेत्रों के विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की.
कोविड महामारी और सैन्य गतिरोध के बाद रुका था हवाई यातायात
सरकारी स्वामित्व वाली चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस, एयर चाइना के साथ मिलकर दिल्ली सहित कई भारतीय शहरों के लिए दैनिक उड़ानें संचालित करती थी, लेकिन कोविड-19 महामारी और पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद द्विपक्षीय तनाव के बाद हवाई यातायात रुक गया.
लिन ने कहा, “चीनी मुख्य भूमि और भारत के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने से दोनों देशों के बीच यात्रा, आदान-प्रदान और सहयोग को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी क्योंकि दोनों देशों की संयुक्त जनसंख्या 2.8 अरब से अधिक है.”
चीन भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है- लिन
पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय तक संबंधों में जमी बर्फ पिघलने के बाद भारत और चीन रिश्ते सामान्य बनाने की प्रक्रिया में हैं. चीनी विदेश मंत्री वांग यी के 18 अगस्त को विशेष प्रतिनिधि वार्ता में भाग लेने के लिए भारत का दौरा करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर, लिन ने कहा, ‘‘चीन और भारत विभिन्न स्तरों पर बातचीत जारी रखे हुए हैं.’’
लिन ने कहा, ‘‘हम दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर अमल करने, उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की गति बनाए रखने, आपसी राजनीतिक विश्वास को मजबूत करने, व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने, मतभेदों को उपयुक्त तरीके से सुलझाने और चीन-भारत संबंधों के निरंतर, सुदृढ़ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.’’
वाशिंगटन के साथ नई दिल्ली की चुनौतियों पर चीन की प्रतिक्रिया
वांग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं. यह पूछे जाने पर कि वाशिंगटन के साथ नई दिल्ली के संबंधों के चुनौतियों का सामना करने के बीच चीन भारत के साथ अपने संबंधों को किस तरह देखता है, लिन ने कहा कि चीन और भारत दोनों ही प्रमुख विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) का एक-दूसरे की सफलता में मदद करने वाला सहयोगी कदम दोनों पक्षों के लिए सही विकल्प है.’’
उन्होंने कहा, “चीन, दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर कार्य करने, राजनीतिक पारस्परिक विश्वास को निरंतर बढ़ाने, आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार करने, व्यापक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मतभेदों को उपयुक्त तरीके से निपटाने को तैयार है. साथ ही, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय और सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, ताकि चीन-भारत संबंधों के सुदृढ़ और स्थिर विकास को बढ़ावा दिया जा सके.”
यह भी पढ़ेंः 1971 की जंग का वो जांबाज, जो पाकिस्तान की जेल से भी भाग निकला… जानें कौन हैं IAF के विंग कमांडर डीके पारुलकर