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महात्‍मा गांधी ने किसे बताया आजादी से भी बड़ा, पढ़ें स्‍वतंत्रता से जुड़े उनके फेमस कोट्स

ब्रिटिश शासन से देश को आजाद हुए कल शुक्रवार (15 अगस्त, 2025) को कुल 78 साल पूरे हो जाएंगे. कल पूरे भारत में 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने कई मशहूर विचारों के जरिए पूर्ण आजादी के कई अन्य मायनों को बताया है.

महात्मा गांधी ने भारत की वास्तविक आजादी को लेकर कई विचार लिखें हैं, जिनमें उन्होंने कहा है कि जिस दिन एक महिला रात के समय आजाद होकर चलने लगेगी, उस दिन हम कह सकेंगे कि भारत ने स्वतंत्रता हासिल कर ली.

इसके अलावा, महात्मा गांधी ने कई अन्य विचार भी बताए हैं, जिनमें उन्होंने आजादी के वास्तविक मतलब के बारे में बताया है. जिनमें ये शामिल हैः

  • पूर्ण स्वतंत्रता तभी पूरी होगी, जब हमारी व्यवहारिक दृष्टि सत्य और अहिंसा के निकट होगी.
  • आजादी का मतलब है नियंत्रण, अनुशासन और कानून के शासन को अपनी इच्छा से अपनाना.
  • स्वच्छता स्वतंत्रता से कहीं बढ़कर है.
  • आजादी हासिल करने के लिए जन-आंदोलन के रूप में सविनय अवज्ञा की गई थी.
  • मैं अंग्रेजी शब्द के पूर्ण रूप से अंग्रेजी अर्थ में भारत के लिए पूर्ण स्वतंत्रता चाहता हूं.
  • जब तक लोग अपने दिल से छुआ-छुत की भावना को दूर नहीं करेंगे, तक तक हमें वास्तविक आजादी नहीं मिल सकती है.
  • लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता में स्वतंत्रता, आत्मसम्मान और एकता की भावना होनी चाहिए.
  • अगर देश के सभी भाग अपने लिए फैसले का अधिकार मांगने लगा, तो न एक राष्ट्र बचेगा और न हीं आजादी बचेगी.
  • स्वराज का मतलब है- किसी के प्रभाव के अंतर्गत रहने की भी स्थिति में इच्छा होने पर स्वतंत्रता की घोषणा करने की इच्छा.
  • हमें आत्मनिर्भर होना सीखना होगा और उन स्कूलों, अदालतों, सरकार की सुरक्षा और संरक्षण के सहारे से आजाद होना होगा, जिसे हम खत्म करना चाहते हैं, अगर वे सुधार नहीं करते हैं.
  • मेरी कल्पना में स्वतंत्रता का मतलब इससे कम कुछ नहीं है, जिसमें भगवान का राज्य आपके भीतर और इस धरती पर साकार हो.
  • राष्ट्रीय स्वतंत्रता की प्राप्ति मेरे लिए सत्य की तलाश है.
  • मैं उस आजादी की लालसा नहीं रखता, जिसे मैं निजी तौर पर समझता नहीं हूं, बल्कि मैं उस अंग्रेजी दासता से आजादी चाहता हूं.
  • सत्य और अहिंसा के माध्यम से ही पूर्ण स्वतंत्रता का मतलब है, जिसमें बिना किसी जाति, रंग या धर्म का भेदभाव किए बिना राष्ट्र के हर इकाई की आजादी हो.

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