After the news, the officials woke up and increased the number of laddu packets | खबर के बाद…

चित्तौड़गढ़ में 15 अगस्त के मौके पर बच्चों को लड्डू बांटने की सालों पुरानी परंपरा है। खास बात यह है कि यहां सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर लड्डू दिए जाते हैं। लेकिन इस बार नगर सु
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जब बुधवार को दैनिक भास्कर डिजिटल ने यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की कि इस बार प्राइवेट स्कूलों के लड्डू पैकेट्स में भारी कटौती कर दी गई है, तो पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया। खबर सामने आते ही UIT के अधिकारी हरकत में आ गए। गुरुवार सुबह ही उन्होंने तत्काल प्रभाव से लड्डू पैकेट्स की संख्या में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया और सभी स्कूलों को उनके डिमांड के हिसाब से लड्डू के पैकेट्स दिए गए।
बुधवार तक जहां कुल 34,569 लड्डू पैकेट्स बनाए जाने थे, वहीं गुरुवार को यह संख्या बढ़ाकर 46,000 कर दी गई। इसके लिए हलवाइयों को दोबारा बुलाया गया और अतिरिक्त लड्डू तैयार करने के निर्देश दिए गए। यह पूरा बदलाव सिर्फ एक दिन में हुआ।
इससे पहले, पिछले साल प्राइवेट स्कूलों के लिए 32 क्विंटल लड्डू तैयार किए गए थे, लेकिन इस बार सिर्फ 26 क्विंटल की सूची UIT द्वारा दी गई थी। कुल मिलाकर पिछले साल 42 क्विंटल लड्डू तैयार किए गए थे, जो इस बार घटकर 35 क्विंटल रह गए थे। इससे बच्चों में निराशा और स्कूलों में असंतोष फैल सकता था।
सभी स्कूलों को उनके डिमांड के हिसाब से लड्डुओं के पैकेट्स दिए गए।
चित्तौड़गढ़ की यह परंपरा राज्य के अन्य जिलों से अलग है, जहां अधिकतर जगहों पर केवल सरकारी स्कूलों को ही लड्डू दिए जाते हैं। यहां प्रशासन वर्षों से सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों के बच्चों को समान रूप से मिठाई बांटता आया है, जो एक सकारात्मक और समावेशी सोच को दर्शाता है।
लेकिन इस बार बिना किसी पूर्व सूचना के की गई कटौती से यह परंपरा कमजोर पड़ती दिख रही थी। सौभाग्य से दखल और जनभावनाओं के दबाव के चलते निर्णय को तुरंत बदला गया और सभी बच्चों को लड्डू दी गई। गुरुवार को सभी स्कूलों को उनके डिमांड के हिसाब से लड्डू के पैकेट्स दिए गए।