एशिया कप से पहले शुभमन गिल की कप्तानी पर युवराज सिंह ने दिया बड़ा बयान, जानें क्या कहा

2025 एशिया कप में शुभमन गिल के कप्तान बनने की चर्चा है. दरअसल, भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव फिट नहीं हैं. उनकी फिटनेस पर अभी BCCI की तरफ से आधिकारिक जानकारी भी नहीं आई है. ऐसे में कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगल सूर्या फिट नहीं होते हैं तो फिर गिल को एशिया कप में कप्तानी दी जा सकती है. इस बीच पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर युवराज सिंह ने शुभमन गिल की कप्तानी पर बड़ा बयान दिया है.
भारत के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह को लगता है कि इंग्लैंड दौरे पर शुभमन गिल का प्रदर्शन अविश्वसनीय था, क्योंकि पांच टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले विदेशी हालात में उनकी बल्लेबाजी पर सवाल उठाए जा रहे थे. गिल ने इस सीरीज में सभी आलोचकों को बल्ले से जवाब दिया. उन्होंने सीरीज में 4 शतकों की मदद से 754 रन बना डाले, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल रहा.
भारत के तीन दिग्गज विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद 25 साल के शुभमन गिल ने इस मुश्किल दौरे पर युवा टेस्ट टीम का नेतृत्व किया. युवराज ने महिला क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट के 50 दिन की उलटी गिनती पर आयोजित ‘50 डेज टू गो’ कार्यक्रम के इतर आईसीसी डिजिटल से कहा, “उनके विदेशी रिकॉर्ड पर कई सवालिया निशान थे. वह (गिल) कप्तान बने और चार टेस्ट शतक जड़े. यह अविश्वसनीय है कि जब आपको जिम्मेदारी दी जाती है तो आप उसे कैसे लेते हैं. इसलिए मुझे उन पर (भारतीय टीम पर) बहुत गर्व है. मुझे निश्चित रूप से लगता है कि यह हमारी जीत है. हालांकि यह सीरीज ड्रॉ रही, क्योंकि यह युवा टीम है और इंग्लैंड में जाकर खेलना और खुद को साबित करना आसान नहीं है.”
विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत, आकाशदीप और अर्शदीप सिंह के चोटिल होने और उनके मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के कार्यभार के कारण केवल तीन मैच खेलने के बावजूद सीरीज में भारत का दृढ़ संकल्प दिखा और उन्होंने ओवल में पांचवें टेस्ट में छह रन से रोमांचक जीत हासिल कर सीरीज बराबर की.
गिल के ‘मेंटोर’ (मार्गदर्शक) रहे युवराज ने कहा कि कोहली और रोहित जैसे खिलाड़ियों के बिना भी भारतीय टीम ने चुनौती का डटकर सामना किया. उन्होंने कहा, “यह वाकई शानदार है, क्योंकि मुझे लगता है कि जब आपके पास इंग्लैंड जाने वाली युवा टीम होती है तो बहुत दबाव होता है. आप विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों की जगह ले रहे होते हैं, यह आसान नहीं होता. खिलाड़ियों ने इसका डटकर सामना किया.”