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Haryana Vacant Posts Update, MP Kumari Selja | हरियाणा में 4 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार: सवा 4 लाख…

हरियाणा में सभी सरकारी विभागों में कुल मिलाकर करीब 4 लाख 25 हजार पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। जबकि प्रदेश के 65 रोजगार कार्यालयों करीब 4 लाख 4 हजार बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं। ये चौंकाने वाले आंकड़े सरकार के ही हैं। सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैल

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आंकड़े बताते हैं कि शिक्षा विभाग से लेकर पुलिस तक में कर्मचारियों की कमी है। हरियाणा के सरकारी महकमों में जो पद खाली पड़े हैं, उनमें से शिक्षकों के 16,840 पद से लेकर आंगनबाड़ी वर्कर के 2856 और हेल्परों तक के 4809 पद खाली हैं।

प्रदेश सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत करीब 1.29 लाख कर्मी भर्ती हैं। हालांकि HKRN के तहत लगे कर्मियों को नियमित कर्मियों के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है।

सिरसा सांसद के जवाब में श्रम एवं रोजगार मंत्री का जवाब सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने 11 अगस्त 2025 को अतारांकित प्रश्न संख्या नंबर 3672 लोकसभा में रखा था। इसके लिए श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री से जवाब मांगा था कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए कोई योजना बनाई गई हैं, तो इसका ब्योरा दें।

इस पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री की ओर से जवाब में दिया गया कि सरकार हरियाणा राज्य सहित देशभर में विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं को लागू कर रही है। योजना, स्टार्ट अप एवं डिजिटल प्लेटफार्म एवं रोजगार मेलों के माध्यम से निजी एवं सरकारी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। 10 जुलाई 2025 तक हरियाणा में एनसीएस पोर्टल पर करीब 4.25 लाख से अधिक पद रिक्त हैं।

  • 12वीं व समकक्ष वाले युवाओं को प्रतिमाह 1200, ग्रेजुएट व समकक्ष वाले युवाओं को प्रति माह दो हजार भत्ता दिया जा रहा है।
  • पोस्ट ग्रेजुएट को 35,00 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। इस साल अभी तक 1,85,267 लाभर्थियों का 28.51 करोड़ की रकम जारी की गई है।
  • सक्षम युवा योजना के तहत 1,85,267 युवा लाभार्थी हैं। कई को स्किल डेवलपमेंट के बाद नौकरी से भी जोड़ा गया। इसके लिए रोजगार मेले लगाए जा रहे हैं।

यह भर्तियां कोर्ट में अटकी इंप्लायमेंट एक्टिविस्ट श्वेता ढुल के मुताबिक हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) की ओर से निकाली गई असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी (एडीए), असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती, स्टेनो, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर(MPHW), लैब टेक्नीशियन या एमएलटी, चुनाव के समय निकाली गई ग्रुप-C की 24 हजार भर्ती कोर्ट में विचाराधीन है, जिसका रिवाइज रिजल्ट आएगा। इसके अलावा 2024 में निकली पुलिस की भर्ती भी विद-ड्रॉ कर ली गई।

आईसीएस कोचिंग के डायरेक्टर परिमल कुमार बताते हैं कि कोर्ट केस के चलते HSSC की करीब 10 हजार वैकेंसी अटकीं हुई है। कॉमर्स स्ट्रीम, जेबीटी मेवात कैडर, बिजली निगम में जेई व अन्य पदों की भर्ती शामिल हैं।

पुलिस भर्ती का विद-ड्रॉ नोटिस।

16 लाख युवाओं ने CET व HTET के पेपर दिए इस बार 13.49 लाख से ज्यादा युवाओं ने ग्रुप-सी की सामान्य पात्रता परीक्षा (CET) का पेपर दिया है। सीईटी इस बार चार साल के बाद हुआ है। ऐसे में युवाओं में जोश था। युवाओं ने हर साल सीईटी लेने की डिमांड रखी है। यह परीक्षा दो दिनों में चार शिफ्टों में आयोजित हुई। इसी तरह 3.33 लाख अभ्यर्थियों ने दिया एचटेट (HTET) का पेपर दिया। इनका रिजल्ट अभी नहीं आया है।

HKRN में सस्ते कर्मचारी रख रही सरकार सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) में 3 लेवल पर करीब 1.29 लाख कर्मियों की भर्तियां कर रखी हैं। हाल ही में सरकार ने 5 साल का अनुभव पूरा कर चुके कर्मियों के लिए सेवा सुरक्षा की गारंटी दी है। 5 साल से कम अनुभव वालों की नौकरी पर खतरा है।

HKRN के तहत रखे कर्मियों को नियमित कर्मियों के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है। ठीक उसी तरह जैसे गेस्ट टीचरों को नियमित टीचरों और कॉलेज के एक्सटेंशन लेक्चरर को नियमित एसोसिएट प्रोफेसर्स के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठा बेरोजगारी का मुद्दा कालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सीईटी हर साल कराने पर सरकार से जवाब मांगा था, ताकि युवाओं को मौका मिल सके। सीईटी के लिए 13 लाख 48 हजार 893 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें 12 लाख 46 हजार 797 ने परीक्षा दी।

HISF से हटाए जवानों के लिए जॉब सिक्योरिटी मांगी सोनीपत के भाजपा विधायक निखिल मदान ने विधानसभा में शून्यकाल में हरियाणा औद्योगिक सुरक्षा बल (HISF) से हटाए गए कर्मियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन जवानों को स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) के तौर पर जॉब सिक्योरिटी मिलनी चाहिए।

ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो सरकार के समय में साल 2004 में HISF की स्थापना की गई। तब लगभग 3,500 युवाओं को भर्ती किया गया। इसके बाद जब मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो जून 2005 में उसने HISF अधिनियम को रद्द कर दिया। साथ ही नतीजा लगभग 3,500 जवानों की नियुक्तियां खारिज कर दी गईं। बाद में इनमें से कुछ को SPO के तौर पर एडजस्ट किया गया, लेकिन वेतन काफी कम है और नौकरी न तो नियमित है और न सुरक्षित।

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