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मासूम से रेप के बाद हत्या करने वाले दोषी की सजा पर दोबारा विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति…

चार साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या के दोषी वसंत संपत दुपारे की सजा पर सुप्रीम कोर्ट दोबारा विचार करेगा. 2008 के इस मामले में दुपारे की फांसी की पुष्टि सभी स्तरों पर हो चुकी है. उसकी दया याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं. उसने 2022 में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए अपनी सजा को दोबारा विचार के लायक बताया था. इसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

क्या है मामला?
नागपुर के वाड़ी इलाके का रहने वाला दुपारे पड़ोस की रहने वाली 4 साल की बच्ची से अक्सर मिलता रहता था. 3 अप्रैल 2008 को उसने बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर बलात्कार किया. इसके बाद उसकी हत्या कर दी. शव की पहचान मुश्किल करने के लिए पत्थरों से उसका सिर कुचल दिया. उसे 23 फरवरी, 2012 को नागपुर की एडिशनल सेशंस कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. इसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा. 2022 में राज्यपाल और 2023 में राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज की.

दोषी ने क्या दलील दी?
दुपारे की नई याचिका को जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुना. इस याचिका में उसने 20 मई 2022 को मनोज बनाम मध्य प्रदेश मामले पर आए फैसले का हवाला दिया था. उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने कहा था कि फांसी की सजा देते समय अपराध की गंभीरता को कम करने वाली परिस्थितियों पर भी गौर करना चाहिए. यह तथ्य मामले को फांसी के बजाय उम्र कैद योग्य बना सकते हैं. इन तथ्यों में आरोपी की सामाजिक पृष्ठभूमि, मानसिक स्थिति, कम उम्र, आपराधिक पृष्ठभूमि का अभाव, अपराध की पूर्व-योजना का अभाव जैसी बातें हो सकती हैं.

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