रूस के साथ जंग में मारे गए यूक्रेन के 17 लाख सैनिक, इस हैकर ग्रुप ने किया चौंकाने वाला दावा

रूस के एक हैकर ग्रुप ने यूक्रेनी सेना के हेडक्वार्टर को ऑनलाइन हैक कर दस्तावेज चुराकर सोशल मीडिया पर लीक कर दिया है. हैकर ग्रुप ने जिन दस्तावेजों को लीक किया है, उससे पता चलता है कि फरवरी 2022 से लेकर अब तक यूक्रेन के 1.7 मिलियन यानी 17 लाख सैनिक मारे गए हैं या लापता हैं. इनमें से बड़ी संख्या में सैनिकों की उम्र 19-24 वर्ष है. यूक्रेन के जनरल स्टाफ की तरफ से इस लीक दस्तावेज पर कोई बयान सामने नहीं आया है.
खास बात है कि फरवरी 2022 यानी जब से रूस और यूक्रेन में जंग शुरू हुई है, दोनों देशों ने अपने-अपने मरने वाले सैनिकों का आंकड़ा कभी साझा नहीं किया है, न ही नागरिकों के हताहत होने की कोई संख्या जारी की. ये बात जरूर है कि दोनों देश, एक दूसरे को पहुंचाए नुकसान का आंकड़ा जरूर जारी करते रहते हैं.
रूसी राष्ट्रपति ने मरने वालों को लेकर किया था दावा
करीब एक साल पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये जरूर कहा था कि रूस और यूक्रेन के सैनिकों के मारे जाने का अनुपात 1:10 का है. यानी अगर रूस का एक सैनिक मारा गया तो यूक्रेन के मारे गए सैनिकों की संख्या 10 है. वहीं यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि अब तक रूस के 10 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं, लेकिन इस आंकड़े को रूस तो एक सिरे से खारिज करता ही है, अमेरिका भी ज्यादा भरोसा नहीं जताता है.
इस साल के शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि पिछले तीन साल में रूस-यूक्रेन जंग में करीब 25 लाख घर तबाह हुए हैं और 17.60 हजार करोड़ डॉलर यानी 15 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
युद्धग्रस्त यूक्रेन पर आरडीएनए रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने वर्ल्ड बैंक, यूरोपीय संघ (ईयू) और यूक्रेन की सरकार की मदद से युद्धग्रस्त यूक्रेन पर रैपिड डैमेज एंड नीड एस्सेमेंट (आरडीएनए) नाम की एक रिपोर्ट रिलीज की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, टैंक, मिसाइल और तोप के गोलों से पूरी तरह तबाह हो चुके यूक्रेन के पुनर्बहाली और पुनर्निर्माण में अगले एक दशक में 52.40 हजार करोड़ डॉलर (करीब 46 लाख करोड़) से अधिक खर्च होने का अनुमान है. ये आकलन, संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध के कारण हुए नुकसान के बाद लगाया है.
यूक्रेन के कुल 13 प्रतिशत घर तबाह
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जंग के कारण यूक्रेन के रिहायशी इलाके, ट्रांसपोर्ट, ऊर्जा, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों को जबरदस्त नुकसान हुआ है. यूक्रेन के करीब 25 लाख घर ही अकेले तबाह हो गए हैं. यानी यूक्रेन के 13 प्रतिशत घर नष्ट हो चुके हैं. साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में 93 प्रतिशत नुकसान हुआ है. जिन बेहद अहम एनर्जी सेक्टर को नुकसान हुआ है, उसमें पावर जेनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध की विभीषिका में सबसे ज्यादा बुजुर्ग और दिव्यांग लोग हुए हैं. फरवरी 2022 यानी जब से रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तब से लेकर दिसंबर 2024 तक युद्ध के कारण तीन लाख से ज्यादा लोग दिव्यांग हो चुके हैं. ये तीन लाख वे लोग हैं, जो जंग में घायल हुए हैं.
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